जयपुर। Sadhvi Anadi Saraswati: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में मजबूती मिली है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की मौजूदगी में साध्वी अनादि सरस्वती आज भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गईं।
रंधावा और गहलोत ने उन्हें कांग्रेस का अंगवस्त्र पहनाकर पार्टी में उनका स्वागत किया। राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती 3 दिसंबर को की जाएगी।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद साध्वी अनादि सरस्वती ने कहा, “मुझे लगता है कि पूरे समाज में मेरी पहचान एक संत के रूप में है। एक संत किसी भी दलगत राजनीति से ऊपर होता है और एक संत सनातन धर्म और पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है।
उनका एकमात्र लक्ष्य मानव जाति की सेवा करना है। एक संत को किसी मंच की आवश्यकता नहीं होती है, वह केवल काम करने पर केंद्रित होता है… मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे सम्मान के साथ पार्टी में शामिल किया।”
वहीं, इस मौके पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हम अपनी योजनाओं, हमने जो कानून पास किए, अपनी गारंटी के आधार पर जनता के बीच जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि जनता हमें फिर से आशीर्वाद दे। सरकार दोबारा बनी तो मौजूदा योजनाएं आने वाले समय में और मजबूत होंगीं। गारंटी और मजबूत होगी।
अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा, ”आज भाजपा त्यागकर कांग्रेस के जनहित महायज्ञ में सम्मिलित हुईं साध्वी अनादि सरस्वती जी का पार्टी परिवार में स्वागत किया। आपके आगमन से नं 1 राजस्थान की ओर बढ़ते कदमों को और गति मिलेगी।”
गौरतलब है कि, राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटों के लिए आगामी 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी। राज्य की 200 विधानसभा सीटों में 34 अनुसूचित जाति, 25 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, वहीं 141 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं। इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव के तहत होने वाले मतदान में सवा पांच करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
बता दें कि, राजस्थान में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच होता है। इस प्रदेश में कुछ क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं, जो चुनिंदा क्षेत्रों में अपना प्रभाव रखती हैं। राज्य विधानसभा के पिछले चुनाव (2018) में कुल 200 सीटों में कांग्रेस को 99 व भाजपा को 73 सीटें मिली थीं।