स्किल इंडिया मिशन को बढ़ावा देगी ‘‘संकल्प’’ और ‘‘स्ट्राइव’’ परियोजनाएं

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नई दिल्ली। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति द्वारा विश्व बैंक समर्थित दो नई योजनाओं -आजीविका संवर्द्धन के लिए दक्षता हासिल करने और ज्ञान बढ़ाने (संकल्प) तथा औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन हेतु दक्षता सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव) योजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई।

4,455 करोड़ रूपये की केंद्रीय प्रायोजित संकल्प योजना में विश्व बैंक द्वारा 3,300 करोड़ रूपये ऋण की सहायता शामिल है, जबकि 2,200 करोड़ रूपये की केंद्रीय प्रायोजित स्ट्राइव योजना में विश्व बैंक से इस योजना की आधी राशि ऋण सहायता के रूप में दी जाएगी।

संकल्प और स्ट्राइव योजनाएं निष्कर्ष आधारित है, जिसमें व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण में सरकार की कार्यान्वयन रणनीति को आदानों के साथ परिणामों से जोड़ा गया है।

दक्षता प्रशिक्षण के प्रभावी सुशासन और विनियमन शुरू करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा में औद्योगिक प्रयासों को चिन्हित करने के दृष्टिगत काफी लंबे समय से एक राष्ट्रीय रूपरेखा की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय कौशल प्रशिक्षण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की कई पहलें शुरू कर चुका है जैसे स्मार्ट पोर्टल के माध्यम से मान्यता, केन्द्रीकृत मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण प्रणाली, आईटीआई का आईएसओ प्रमाणीकरण, कुछ राज्यों में ऑनलाईन परीक्षणों की ओर संक्रमण आदि। ऐसे में संकल्प और स्ट्राइव जैसी परियोजनाएं ज़िला स्तर तक देश में सुधार लाने में मदद करेंगी।

संकल्प मान्यता और प्रमाणीकरण के लिए राष्ट्रीय निकायों की संस्थापना द्वारा इस आवश्यकता को पूरा करेगी। मान्यता एवं प्रमाणीकरण के लिए निकाय दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक दोनों ही व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (वीईटी) की मान्यता और प्रमाणनन का कार्य करेगा।

यह संरचना भारत में व्यवसायिक इतिहास में पहली बार विभिन्न केंद्रीय, राज्य और प्राइवेट क्षेत्र के संस्थानों पर ध्यान देगा। जिसके फलस्वरूप गतिविधियों के दोहराव का परिहार होगा और व्यावसायिक प्रशिक्षण में एकरूपता आएगी और इस प्रकार इसका बेहतर प्रभाव होगा।

ये दोनों परियोजनाएं संस्थागत स्तर पर सुधार लाएंगी तथा दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक रूप से कौशल विकास प्रशिक्षण प्रोग्रामों की गुणवत्ता एवं प्रासंगिकता को बेहतर बनाएगी। स्ट्राइव परिणाम एवं सुधार लिंक्ड वित्तपोषण के ज़रिए 500 से अधिक आईटीआई का आधुनिकीकरण करेगी।

यह 100 से अधिक चुनिंदा आईटीआई को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप भी बनाएगी। यह 100 उद्योग चैम्बर्स/क्लस्टर्स को प्रोत्साहित कर प्रशिक्षुता के लिए संस्थागत क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केन्द्रित करेगी। ये इस निमित्त 700 औद्योगिक संस्थानों को लाखों महत्वकांक्षा रखने वाले लोगों को रोजगार उन्मुख दक्षता प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए जा रहे है।

संकल्प में प्रशिक्षकों एवं मूल्यांकनकर्ता अकादमियों के स्वतः प्रसूत मॉडलों की स्थापना पर विचार किया गया है। प्राथमिकता क्षेत्रों में 50 से ज्यादा ऐसी अकादमियों की स्थापना की जा जानी है।

डीजीटी, एमएसडीई ने सरकारी एवं निजी क्षेत्र में 35 से ज्यादा ट्रेडों में प्रशिक्षण का प्रस्ताव लेकर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (आईटीओटी) के लिए अनेक संस्थाओं की स्थापना हेतु इस दिशा में पहले ही उल्लेखनीय प्रगति की है।