राजस्थान में कई जगह ओलावृष्टि से फसलें तबाह, सड़कों पर बर्फ की चादर बिछी

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जयपुर। राजस्थान के उदयपुर चित्तौड़गढ़, बूंदी समेत कई जिलों में शनिवार शाम को बारिश का दौर शुरू हुआ, जो आज सुबह ओलावृष्टि के रूप में बदल गया। मावठ के दौर में हुई इस ओलावृष्टि ने नया रिकॉर्ड बना लिया। मौसम विभाग की माने तो उदयपुर में इस तरह की ओलावृष्टि कई साल बाद हुई है। आसमान से गिरे ओलों से सड़कों पर बर्फ की चादर बिछ गई। इस ओलावृष्टि से किसानों के चेहरे मायूस हो गए। वहीं, युवाओं और बच्चे ने बर्फ का जमकर आनंद लिया।

उदयपुर जिले के लोगों के लिए रविवार की सुबह कुछ अलग रही, कई गांवों के लोग सुबह अपने घरों से बाहर निकले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ कि वे राजस्थान में है या किसी हिल स्टेशन पर। घर के चारों ओर बर्फ की चारद बिछी हुई थी।

देर रात बारिश के साथ गिरे ओलो से घर के आंगन, सड़कें और खेत बर्फिले मैदान में बदल गए थे। आसमान से गिरे इन ओलों ने किसानों की मेहनत को धो डाला। खेत में खड़ी फलस बर्बाद हो गई, जिससे किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया।

रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर में एक बार फिर से मौसम पलट गया। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के साथ ही जिले में बादलों की आवाजाही बढ़ने के साथ सिणधरी, पादरू इलाके में तेज मावठ की बारिश हुई है। कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई है। बारिश के बाद किसानों की चिंता बढ़ गई है।

चित्तौड़गढ़ के किसान कैलाश चंद्र धाकड़ ने बताया- ओले गिरने से सबसे ज्यादा नुकसान अफीम और गेहूं की फसलों को हुआ है। अफीम के डोडे टूट गए। अब उनमें से अफीम का दूध नहीं निकलेगा। काफी नुकसान हुआ है। अफीम के पत्ते भी टूट गए। फसलें आड़े गिर गई।

आबूरोड समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में शनिवार रात को बारिश हुई। तापमान में भी गिरावट देखने को मिली है। बारिश से अरंडी, सरसों की फसलों को नुकसान का अनुमान है। वहीं गेहूं, जौ की फसल को फायदा होगा।