मंगलोर। Black Pepper price : श्रीलंका एवं वियतनाम जैसे देशों से आयातक का प्रवाह निरंतर जारी रहने के बावजूद कर्नाटक की मंडियों में कालीमिर्च के स्वदेशी माल का भाव मजबूत बना हुआ है क्योंकि वहां इसके पुराने स्टॉक की आवक कम हो रही है और नई फसल की तुड़ाई-तैयारी आरंभ नहीं हुई है। केरल में नए माल की छिटपुट आवक शुरू होने की सूचना मिल रही है।
कर्नाटक में नई फसल अगले साल की पहली तिमाही में जोर-शोर से आने लगेगी। उत्पादन सामान्य से कम होने की संभावना को देखते हुए उत्पादकों ने माल का स्टॉक रोकना शुरू कर दिया है।
इधर उत्तरी भारत के प्रमुख खपत केन्द्रों में त्यौहारी सीजन समाप्त होने के बाद कालीमिर्च की मांग कुछ कमजोर पड़ी है जबकि यहां विदेशों से आयातित सस्ते माल का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है।
लग्नसकरा का सीजन जारी है और इसकी मांग भी आसानी से पूरी है। इसी तरह कालीमिर्च की निर्यात मांग भी ज्यादा मजबूती नहीं है और प्रमुख आयातक देश नए माल के आने की प्रतीक्षा में अभी केवल तात्कालिक जरूरतों की पूर्ति के लिए सीमित मात्रा में इसकी खरीद कर रहे हैं।
वैसे शीर्ष स्तर के मुकाबले कालीमिर्च का भाव घटकर काफी नीचे आ गया है जिससे भविष्य में इसकी निर्यात मांग करने की उम्मीद है। केरल की कोच्चि मंडी से उत्तर भारत में कालीमिर्च मंगाना फिलहाल आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है। उदाहरण स्वरूप दिल्ली में इसकी पहुंच का खर्च 740 रुपए प्रति किलो बैठ रहा है जबकि यहां मोजूद पुराने स्टॉक का दाम 750-725 रुपए प्रति किलो चल रहा है।