नैरोबी (केन्या)। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को केन्याई स्टेट हाउस में केन्या के राष्ट्रपति डॉ. विलियम सामोई रूटो से मुलाक़ात की। इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि भारत और केन्या आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं और दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ एक साझी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है ।
श्री बिरला ने भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल और भारत की संसद की ओर से डॉ. विलियम सामोई रुतो को केन्या गणराज्य के राष्ट्रपति के पद पर निर्वाचित होने पर बधाई देते हुए कहा कि रुटो के नेतृत्व में भारत-केन्या द्विपक्षीय संबंध सहयोग और समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुएंगे तथा नवाचार, आईसीटी और स्वास्थ्य जैसे नए क्षेत्रों में भी दोनों देशों के संबंधों का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि भारत आईसीटी, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि जैसे क्षेत्रों में केन्या के साथ अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए तैयार है।
भारत के तीव्र आर्थिक विकास और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने के संदर्भ में श्री बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत केन्या के सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक और व्यापारिक साझीदारों में से एक है। उन्होंने भारत और केन्या के बीच व्यापार और निवेश को और बढ़ाने के लिए कृषि और खनन जैसे पारंपरिक क्षेत्रों के अलावा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाए जाने की इच्छा व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में दोनों देशों के बीच व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों का नियमित आदान-प्रदान होना चाहिए। श्री बिरला ने यह भी कहा कि भारत और केन्या दोनों लोकतांत्रिक शासन में विश्वास करते हैं।
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श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक सूचना-प्रधान युग में नवाचार और अनुसंधान महत्वपूर्ण है और इसलिए समान चुनौतियों का सामना कर रहे समान विचारधारा वाले देशों के बीच सहयोग और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा दुनिया के समक्ष उपस्थित जटिल चुनौतियों का समाधान करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
श्री बिरला ने कहा कि भारत केन्या के लोगों के लिए स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा का महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन है। बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटन के लिए केन्या जाते हैं। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने जलवायु संकट से निपटने के लिए रूटो की प्रतिबद्धता की सराहना की और इसे दोनों देशों की साझा प्राथमिकता बताया।
श्री बिरला ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) एक महत्वपूर्ण वैश्विक गठबंधन है जो जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान की दिशा में भारत की पहल है और यह आशा व्यक्त की कि केन्या जल्द ही इस संगठन का सदस्य बन जाएगा।