थोक महंगाई दर नवंबर में घटकर 21 महीने के निचले स्तर 5.85 प्रतिशत पर

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नयी दिल्ली। विनिर्मित उत्पादों, ईंधन और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी से थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 21 महीने के निचले स्तर 5.85 प्रतिशत पर आ गई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति में मई से गिरावट आ रही है। अक्टूबर में यह घटकर एक अंक में यानी 8.39 प्रतिशत पर आ गई थी।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा, ‘‘नवंबर, 2022 में मुद्रास्फीति की दर में कमी आने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, मूल धातुओं, कपड़ा, रसायन एवं रासायनिक उत्पाद, कागज एवं इससे बने उत्पादों के दामों में गिरावट आना है।’’ नवंबर, 2022 से पहले मुद्रास्फीति का निचला स्तर फरवरी, 2021 में रहा था। उस समय यह 4.83 प्रतिशत पर थी।

इस बारे में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि महंगाई को और कम करने के लिए सरकार आम जनता के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने 2022-23 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के जवाब में लोकसभा में कहा, ‘‘मुद्रास्फीति प्रबंधन या नियंत्रण…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों का समूह एवं अधिकारी समय-समय पर हस्तक्षेप करते हैं और कदम उठा रहे हैं जिसके परिणाम दिखने लगे हैं।’’

नवंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 1.07 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 8.33 प्रतिशत थी। समीक्षाधीन महीने में सब्जियों की मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 20.08 फीसदी पर आ गई, जो अक्टूबर में 17.61 प्रतिशत पर थी। खाद्य वस्तुओं में फलों, सब्जियों विशेषकर टमाटर और आलू के दामों में कमी आई है हालांकि गेहूं, दाल और दुग्ध उत्पादों के दाम बढ़े हैं।

ईंधन और बिजली की महंगाई दर नवंबर में 17.35 प्रतिशत रही। विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.59 प्रतिशत पर थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति 11 माह में पहली बार, नवंबर 2022 में रिजर्व बैंक के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से नीचे आई है।