क्षमा मांगने से अहंकार मुक्त होता है व्यक्तिः लोक सभा स्पीकर बिरला

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कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि तन, मन विचार और वाणी से की गई गलतियों के लिए क्षमा मांगना सर्वश्रेष्ठ उपचार है। क्षमा मांग कर व्यक्ति अहंकार मुक्त तो होता ही है, साथ ही उसके जीवन में शांति और सत्य का वास भी होता है। वे रविवार को दिगम्बर जैन समाज की ओर से आयोजित सामूहिक क्षमावणी कार्यक्रम (kashmawani program) को संबोधित कर रहे थे।

रंगबाड़ी स्थित जैन जनोपयोगी भवन में आयोजित कार्यक्रम में स्पीकर बिरला ने कहा कि भगवान महावीर ने हजारों वर्ष पूर्व जो मूल्य और सिद्धांत दिए थे वे आज और अधिक प्रासंगिक हैं। उनके सिद्धांतों की अनुपालना करते हुए ही महात्मा गांधी से सत्य, अहिंसा और शांति से देश को आजादी दिला दी। उस समय यह कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि सैंकड़ों वर्षों से काबिज विदेशी हुकूमत इन सिद्धांतों से हार जाएगी।

उन्होंने कहा कि शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही दुनिया में समृद्धि और खुशहाली लाई जा सकती है। आज अनेक देशों ने सफलता के लिए यही मूलमंत्र अपनाया है। व्यक्तिगत जीवन में भी सत्य, अहिंसा और शंाति को अपना कर ही हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

मुनिश्री की लिया आशीर्वाद: स्पीकर बिरला ने इस दौरान मुनि अमितसागर मुनिराज ससंघ व आर्यिका सम्मेदशिखर माताजी ससंघ का आशीर्वाद भी लिया। उन्होंने कहा कि दुनिया एक अनेक देश है जहां तनाव, अहिंसा और घृणा का वातावरण है। इसका कारण है कि वहां भौतिक संसाधन तो हमसे कहीं अधिक है, लेकिन भारत की तरह वहां आध्यात्मिक दर्शन और ज्ञान नहीं है। भारत में ईश्वर के प्रति हमारी आस्था और साधू संतों के कारण हम राह नहीं भटकते, दिशा नहीं खोते। इस दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश जैन सहित समाज बंधु भी मौजूद रहे।