अधिकारी अगले एक साल में हर व्यक्ति तक पेयजल पहुंचाने की प्लानिंग करें : बिरला

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कोटा। संसदीय क्षेत्र के तीन दिवसीय प्रवास पर आए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कोटा-बूंदी क्षेत्र में जलदाय विभाग के कार्यों और योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे क्षेत्र चिन्हित करें जहां पेयजल को लेकर भारी समस्या है। उनके निराकरण की कार्य योजना बनाकर उन्हें दें, ताकि समाधान के लिए उच्च स्तर से कार्यवाही की जा सके।

लोक सभा कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक में स्पीकर बिरला ने कहा कि हर व्यक्ति तक शुुद्ध पेयजल पहुंचे यह हमारा नैतिक दायित्व है। इस कार्य के लिए एक वर्ष का लक्ष्य तय कर ऐसी कम्पोजिट योजना तैयार करें जिससे अगली गर्मियों तक हम चिन्हित क्षेत्रों में घर-घर तक पेयजल पहुंचा सकें।

स्पीकर बिरला ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे नगर विकास न्यास के अधिकारियों के साथ भी बैठकर नई विकसित हो रही काॅलोनियों के लिए कार्ययोजना बनाएं। नगर विकास न्यास के अधिकारियों से कहा जाए कि किसी नई काॅलोनी के अनुमोदन या किसी नई काॅलोनी की लाॅचिंग अथवा किसी बहुमंजिला इमारत की स्वीकृति जारी करने से पहले जलदाय विभाग से उस क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता को लेकर भी एनओसी ली जाए।

उन्होंने कहा कि अक्सर यह होता है कि जलदाय विभाग से बात किए बिना नई काॅलोनियां या बहुमंजिला इमारतें अस्तित्व में आ जाती हैं। क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता नहीं होने पर इन काॅलोनियों या इमारतों के लोग बाद में परेशानी का सामना करते हैं। कई बार यह स्थिति जनआंदोलन का रूप ले लेती है, पानी का अवैध व्यापार भी प्रारंभ हो जाता है, जो जनहित में कतई उचित नहीं है।

इसके साथ जलदाय विभाग ऐसे क्षेत्रों को भी चिन्हित करें जहां भविष्य में विस्तार की संभावनाएं हैं। ऐसे क्षेत्र चाहे वे कृषि भूमि पर हों या संस्थागत विकसित क्षेत्र हों, वहां अगले 25 वर्षों की आवश्यकताओं के अनुरूप प्लानिंग की जाए। इससे हम आने वाले समय की जरूरतों के अनुसार अभी से स्वयं को तैयार कर पाएंगे। बैठक में जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता महेश जांगिड़, अधीक्षण अभियंता सुदीप वर्मा, भारत भूषण मिगलानी, श्याम माहेश्वरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे

स्मार्ट सिटी योजना में बदलाव पर जताई नाराजगी
बैठक में समीक्षा के दौरान स्पीकर ओम बिरला ने कोटा शहर में पानी के उत्पादन और वितरण के लिए स्मार्ट सिटी की मूल योजना में बदलाव पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। दरअसल, कोटा शहर में पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जलदाय विभाग ने जल के उत्पादन और वितरण के लिए 163 करोड़ रुपये की योजना बनाई थी। इसमें 82 करोड़ रुपये का हिस्सा वितरण से संबंधित था। योजना के टेंडर होने के बाद अचानक इस प्रोजेक्ट को नगर विकास न्यास को ट्रांसफर कर दिया गया। न्यास ने सिर्फ उत्पादन से जुड़े प्रोजेक्ट पर कार्य किया, उस पर भी निर्धारित से अधिक राशि खर्च की गई। वितरण के पूरे प्रोजेक्ट को छोड़ दिया गया। मूल योजना में बदलाव कर इस 163 करोड़ रुपये में से बची करीब 25 करोड़ रुपये की राशि से भी अब उस क्षेत्र में काम किया जा रहा है जो स्मार्ट सिटी के दायरे में नहीं आता। स्पीकर बिरला ने इस मामले में दिल्ली में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों से बात कर मूल प्रोजेक्ट में बदलाव करने के कारण बताने को कहा है। उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास ने प्रोजेक्ट में बदलाव कर लाखों लोगों को पेयजल आपूर्ति में बाधा पहुंचाई। यदि वितरण से संबंधित राशि मूल काम में खर्च की जाती तो विज्ञान नगर, इंद्र विहार, राजीव गांधी नगर महावीर नगर, बालाकुंड समेत 23 अन्य काॅलोनियों में पेयजल की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाती।

जलजीवन मिशन 2024 तक करें पूरा
बैठक में स्पीकर बिरला ने जल जीवन मिशन के तहत कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में किए जा रहे कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य है कि 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन के जरिए पेयजल की आपूर्ति होनी है। जलदाय विभाग के अधिकारी कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में यह लक्ष्य हर हाल में हासिल किया जाना सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि निर्माणाधीन नोनेरा बांध सहित आठ अन्य योजनाओं के माध्यम से कोटा बूंदी के कुल 1456 गांव में जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक पेयजल पहुंचाने की योजना है।