लोकसभा अध्यक्ष ने किया घर-घर उजियारा अभियान का शुभारंभ
कोटा। इस दीपावली कोटा शहर में अभावग्रस्त वर्ग का ऐसा कोई घर नहीं होगा जहां दीपावली की खुशियां का उजाला नहीं हो। हर जरूरतमंद का घर दिवाली की रात रौशन हो इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को घर-घर एजियारा अभियान का शुभारंभ किया।
स्वामी विवेकानंद यूथ फ्रंट सोसायटी तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान का शुभारंभ करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि त्यौहारों की खुशियां बांटने से बढ़ती है। कोरोना महामारी ने पिछले दो वर्ष में सामाजिक-आर्थिक रूप से तो प्रभावित किया ही, त्यौहारों की रौनक भी खत्म कर दी। कई ऐसे परिवार हैं जिन्होंने आजीविका कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो गई, अनेक ऐसे भी हैं जिनको इस महामारी ने आर्थिक आघात पहुंचाया। इसके अलावा समाज का बड़ा वर्ग ऐसा है जो वंचित और अभावग्रस्त है।
उन्होंने कहा कि ऐसे सभी परिवारों के जीवन में उजाला लाना हमारा दायित्व है। हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि इनकी जिंदगी को नई दिशा दे सकें। दीपावली का यह पर्व हमें सबके घर में उल्लास और खुशी लाने की प्रेरणा देता है। हमें उनकी मदद को आगे आना होगा। स्वामी विवेकानंद यूथ फ्रंट ने इसके लिए सराहनीय और अनुकरणीय पहल की है।
इससे पूर्व सोसायटी के अध्यक्ष विकास शर्मा ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला को इस अभियान का प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि सामाज के अभावग्रस्त लोगों की सहायता के उनके प्रयास युवाओं को स्वयं को समाज के कल्याण के लिए समर्पित करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत दिए, तेल और बाती के पैकेट बनाए जा रहे हैं जो शहर की कच्ची बस्तियों में रहने वाले प्रत्येक परिवार तथा हर अभावग्रस्त एवं वंचित घर तक पहुंचाए जाएंगे। इसके लिए सोसायटी ने युवाओं की अनेक टीमें गठित की हैं।
कार्यक्रम में सकल दिंगबर समाज के कार्य अध्यक्ष जेके जैन, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रामबाबू सोनी, महामंत्री जगदीश जिंदल, वरिष्ठ समाजसेवी अनिल गोयल, केपी सिंह, पार्षद योगेश वालिया, मंडल अध्यक्ष संजय निझावन, कीर्तिकांत गोयल, डालूराम मराठा, बड़ी संख्या में पार्षद, सोसायटी के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सोसायटी के सचिव कपिल जैन ने किया।
दिया बनाने वालों को आर्थिक संबल
सोसायटी के सचिव कपिल जैन ने बताया कि अभियान के तहत विशेष रूप से मिट्टी के दिये निशुल्क भेंट किए जा रहे हैं। इसके पीछे एक उद्देश्य दीपक बनाने वालों को आर्थिक संबल प्रदान करना भी है। इससे उनकी दिवाली की खुशियों को भी चार चांद लगेंगे।