नई दिल्ली। एअर इंडिया की घर वापसी हो गई है। उसे टाटा ग्रुप 18,000 करोड़ रुपए में खरीद रहा है। इसका ऐलान फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने किया। टाटा के हाथ एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की कमान आएगी।
दीपम के सेक्रेटरी तुहीन कांत पांडे ने कहा कि जब एयर इंडिया विनिंग बिडर के हाथ में चली जाएगी तब उसकी बैलेंसशीट पर मौजूद 46,262 करोड़ रुपए का कर्ज सरकारी कंपनी AIAHL के पास जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस डील में 2,700 करोड़ रुपए का कैश मिलेगा।
डील में एयर इंडिया की जमीन और इमारतों सहित किसी भी नॉन एसेट को नहीं बेचा जाएगा। कुल कीमत 14,718 करोड़ रुपए के ये एसेट सरकारी कंपनी AIAHL के हवाले कर दी जाएंगी।कार्गो और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AISATS की आधी हिस्सेदारी भी मिलेगी।
दीपम के सेक्रेटरी ने बताया कि स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह के कंसॉर्टियम ने 15,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक डील क्लोज कर ली जाएगी, यानी लेन-देन पूरा हो जाएगा।
कुछ दिन पहले ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि टाटा संस ने एअर इंडिया को खरीदने का जो प्रस्ताव दिया था, उसे स्वीकार कर लिया गया है। लेकिन सरकार ने टाटा ग्रुप की बोली मंजूर होने की खबर को खारिज कर दिया और कहा कि इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है।
स्पाइसजेट से 3 हजार करोड़ ज्यादा की बोली
ब्लूमबर्ग की उसी रिपोर्ट के मुताबिक टाटा ग्रुप ने स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह से करीबन 3 हजार करोड़ रुपए ज्यादा की बोली लगाई थी। एअर इंडिया के लिए बोली लगाने की आखिरी तारीख 15 सितंबर थी जिसके बाद से ही यह अनुमान था कि टाटा ग्रुप एअर इंडिया को खरीद सकता है।
15 से 20 हजार करोड़ का रिजर्व प्राइस
सरकार ने एअर इंडिया में पूरी 100% हिस्सेदारी बेचने के लिए टेंडर मंगाया था। एअर इंडिया के लिए जो कमेटी बनी थी, उसमें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। सूत्रों के अनुसार, एअर इंडिया का रिजर्व प्राइस 15 से 20 हजार करोड़ रुपए तय किया गया था।