विदेशी तुअर आने से भाव में तेजी की संभावना नहीं

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नई दिल्ली। अफ़्रीका से तुवर के तीन जहाज अक्टूबर महीने में भारत आ सकते हैं, जिसमें से पहला जहाज 4 अक्टूबर को, बाकी दो जहाज 10 तारीख के बाद आने की संभावना है। आपको बता दें कि अफ्रीका से आने वाला तुवर की क्वालिटी सामान्य बताई जा रही है और नमी भी अधिक रहेगी। इससे पहले भी मौजाबिक से भी कुछ जहाज भारत में आने वाले हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के नुकसान की खबर से अधिकतर मंडियों में तुवर के भाव में हल्का सुधार। जानकारों के मुताबिक नुकसान का आकलन जैसे-जैसे बढ़ेगा भाव में इजाफा देखा जा सकता है। लेकिन विदेशों से तुवर आयात होने की संभावना है।

श्राद्ध पक्ष होने के कारण लगभग सभी दलहन में मांग कमजोर रहने से भावों में स्थिरता देखी जा रही है या एक दायरे में कारोबार हो रहा है। 15-20 अक्टूबर से बाजार में कुछ हलचल देखी जा सकती है। जहाँ एक तरफ हाल ही में हुई बारिश से खरीफ फसलों को नुकसान के चलते भावों में सुधार की सम्भावना। दूसरी तरफ अक्टूबर में आयातित माल (दलहन) की आवक भी बढ़ने की सम्भावना। जिससे दलहन बाजार एक तरफा तेजी-मंदी नहीं करेगा।

प्रमुख उत्पादक राज्यों में लगातार हुई बारिश और कीटों के हमले से कई क्षेत्रों में उड़द की फसल को 50 से 60 फीसदी तक नुकसान हुआ है जबकि मंडियों में जो नई उड़द आ रही है उसमें नमी भी 20 से 25 फीसदी की है। इसलिए अच्छी किस्म की उड़द में मांग बनी रहने की उम्मीद है।

दिल्ली में मध्य प्रदेश और कनाडा की मसूर की कीमतें क्रमश: 7700 रुपये और 7500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर। उधर, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में मसूर का उत्पादन कम होने का अनुमान है, जिस कारण विश्व बाजार में भाव तेज हैं। इसलिए घरेलू बाजार में भी इसकी कीमतों में ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है।*