जयपुर। राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट)-2021 के दौरान दौरान हुई संदिग्ध गतिविधियों और अनियमितताओं में शामिल लोगों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के दो जिला शिक्षा अधिकारी समेत 18 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।
एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि सवाई माधोपुर जिले में वजीरपुर अनुमंडल पदाधिकारी नरेंद्र कुमार मीणा (आरएएस) और दो आरपीएस अधिकारी नारायण तिवारी और राजूलाल मीणा को निलंबित कर दिया गया है। इन दो अधिकारियों के अलावा शिक्षा विभाग के 13 कर्मचारियों और तीन पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया है।
स्कूल शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग के 13 कर्मचारियों और तीन पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रविवार को हुई परीक्षा के आयोजन के दौरान शिक्षा विभाग के 13 कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। साथ ही कड़े शब्दों में कहा कि पुलिस जांच में आरोप सही पाए जाने पर कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग के जिन 13 लोगों को निलंबित किया गया है उनमें 10 अध्यापक, एक व्याख्याता, एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक और एक कनिष्ठ सहायक शामिल हैं। ये लोग सिरोही, जालौर, बाडमेर, नागौर, डूंगरपुर, राजसमंद, भरतपुर और बूंदी जिलों में तैनात थे।
सिरोही में एक हेड कांस्टेबल और सवाईमाधोपुर में दो कांस्टेबल को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। रीट परीक्षा में नकल रोकने के लिए पुलिस ने विशेष इंतजाम किए गए थे। फिर भी पुलिस ने परीक्षा के दौरान कई डमी उम्मीदवारों और नकल गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपी विभिन्न जिलों में अभ्यर्थियों को नकल, धोखाधड़ी की सुविधा उपलब्ध करा रहे थे।
16.51 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित, परीक्षा 33 जिलों में स्थापित 3,993 केंद्रों पर दो पालियों में आयोजित की गई थी। इसके लिए 16.51 लाख उम्मीदवारों ने अपना नामांकन कराया था। दौसा और जयपुर ग्रामीण में पुलिस ने क्रमश: चार और आठ डमी उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया और बीकानेर, अजमेर, प्रतापगढ़, सीकर, भरतपुर और जोधपुर में धोखाधड़ी में शामिल कई गिरोहों का भंडाफोड़ किया।