नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज की अगले 3 साल में ग्रीन एनर्जी में 75,000 करोड़ रुपए के निवेश करने की योजना है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि एनर्जी प्रोडक्शन में भारत आत्मनिर्भर बनेगा। साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज 2035 तक नेट जीरो कार्बन कंपनी होगी। हाइड्रोजन की कीमत कुछ सालों में कम होने की उम्मीद है।
इंटरनेशनल क्लाइमेट समिट को संबोधित करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करेगा। क्लाइमेट चेंज दुनिया के लिए बड़ी चुनौती है। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रण में रखना जरूरी है। इसके लिए हमें ग्रीन एनर्जी की ओर तेजी से जाना होगा। जलवायु परिवर्तन एक ग्लोबल समस्या है। इससे मिलजुल कर निपटना होगा।
मुकेश अंबानी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन फॉसिल एनर्जी का बेहतर विकल्प है। हमें क्लीन, ग्रीन और न्यू एनर्जी के दौर में आना होगा। इसको ध्यान में रखकर ही RIL ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में काम कर रही है। कंपनी की ग्रीन एनर्जी में अगले 3 साल में 75,000 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है।
RIL 2035 तक नेट जीरो कार्बन कंपनी होगी
मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज 2035 तक नेट जीरो कार्बन कंपनी होगी। कंपनी की 2030 तक 100 GW रिन्यूएबल क्षमता सेटअप करने की योजना है। आगे एनर्जी प्रोडक्शन के लिए सोलर की अहम भूमिका होगी। पर्याप्त स्टोरेज, स्मार्ट मीटर से सोलर को मदद मिलेगी। कार्बन हटाने में ग्रीन हाइड्रोजन का अहम रोल होगा। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए कंपनी अपनी आगे की योजना पर काम कर रही है।
देश में ग्रीन एनर्जी में ग्लोबल लीडर बनने की संभावना
समिट को संबोधित करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि प्रधानमंत्री का ग्रीन पावर पर फोकस दुनिया के लिए संदेश है। फॉसिल एनर्जी पर देश की बड़ी रकम खर्च होती है। मानव जाति के लिए जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती बन गई है। इस चुनौती से निपटने के लिए भारत न्यू एनर्जी में आत्मनिर्भर बनने की ओर है। भारत में न्यू ग्रीन रिवॉल्यूशन की शुरुआत हो गई है। देश में ग्रीन एनर्जी में ग्लोबल लीडर बनने की संभावना है।
आज यानी शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज का BSE पर मार्केट कैप 15 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। वहीं कंपनी का शेयर BSE पर 1 बजकर 5 मिनट पर 2367.55 पर कारोबार कर रहा है।