कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ के मथुराधीश प्रभु के 15 सितंबर से दर्शन खोलने का निर्णय किया है। श्रीबड़े मथुरेशजी टेंपल बोर्ड की शनिवार को प्रथम पीठाधीश्वर श्री विट्ठलनाथ महाराज तथा युवराज गोस्वामी मिलन कुमार की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। प्रबंधक चेतन सेठ ने बताया कि मीटिंग में 15 सितंबर से श्री मथुराधीश प्रभु के दर्शन खोलने का निर्णय किया है।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में शाम 5 बजे संध्या भोग आरती के दर्शन कराए जाएंगे। जिसमें केवल 100 लोग ही प्रभु के दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान दोनों वैक्सीन लगवाने का सर्टिफिकेट दिखाना होगा। वहीं, एक बार दर्शन के बाद 7 दिन बाद ही दर्शन कर सकेंगे। दर्शनों के समय साेशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा।
श्रीमथुराधीश मंदिर कोरोना के कारण 19 मार्च 2020 से बंद था। पिछले दिनों सरकार से मंदिरों को खोलने की अनुमति दी थी, लेकिन जगह की कम होने से मंदिर बंद रखा। चेतन सेठ ने बताया कि कोरोना की स्थितियों का आंकलन करते हुए सभी दर्शन खोलने को लेकर बोर्ड द्वारा निर्णय किया जाएगा। बैठक में डिस्ट्रिक जज, मोनू व्यास, विठ्ठलदास मूंदड़ा तथा आनंद मूंदड़ा भी उपस्थित रहे।
ऑनलाइन दर्शन नहीं
प्रथम पीठ युवराज मिलन कुमार गोस्वामी ने बताया कि कुछ लोग श्रीमथुराधीश प्रभु के दर्शनों को लेकर अफवाह फैला रहे हैं। जिसमें दर्शनों को ऑनलाइन खोलने की बात कही जा रही है। पुष्टिमार्ग में प्रभु के सामने कैमरा ले जाने की परंपरा नहीं है। इसीलिए ऑनलाइन या वर्चुअल किसी भी प्रकार के अन्य दर्शन नहीं कराए जा सकते हैं। ऐसे गलत मैसेज से दुख होता है।
मिलन कुमार बाबा ने बताया कि प्रथम पीठ श्रीमथुराधीश मन्दिर में केवल प्रथम पीठाधीश्वर श्रीविट्ठलनाथ महाराज की आज्ञा से ही सेवा संचालन होता है। यहां कोई भी निर्णय अन्य व्यक्ति नहीं ले सकता है।