स्टॉक तंगी से मूंग, तुअर एवं चने के दाम में सुधार के संकेत

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मुकेश भाटिया
कोटा।
स्टॉक तंगी से मूंग, तुअर एवं चने के दाम में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। स्टॉक लिमिट से मूंग को बाहर रखा गया है जिससे मांग ठीक ठाक है। इस बीच राजस्थान और गुजरात में बारिश की कमी से फसल और बोआई कमजोर राजस्थान जो सबसे बड़ा मूंग उत्पादक राज्य है, वहां बारिश की भारी कमी मूंग की बोआई का काफी समय अब निकल चुका है। ऐसे में अब बारिश भी हुई तो अधिक लाभ नहीं। हमारा मानना है की वर्तमान भाव से मूंग में 500 रुपये तक की तेजी कम से कम दिख सकती है। कमजोर उत्पादन की संभावना को देखते हुए मूंग का भविष्य उज्वल जान पड़ता है।

तुअर :स्टॉक लिमिट में राहत के कारण तुअर में सुधार दर्ज किया गया होलसेलर की लिमिट 200 टन से बढ़ाकर 500 टन किया गया, जबकि दाल मिलों को 6 माह के मिलिंग क्षमता या सालाना उत्पादन का 50 % स्टॉक रखने की मिली अनुमति। स्टॉक लिमिट में राहत मिलने से स्टॉकिस्ट और ट्रेडर्स की बिकवाली रुकने और ताजा ग्राहकी से भाव में सुधार देश में तुअर की उपलब्धता मांग की पूर्ति के लिए काफी है। इस बीच अगस्त से अफ्रीका से आयात भी बढ़ने की उम्मीद है।

अफ्रीका में तुअर की फसल इस सीजन काफी अच्छी है। घरेलु तुअर की फसल की बात करें तो कर्नाटक और तेलंगाना में अधिक बारिश से कुछ नुकसान की खबर है। गुजरात में कमजोर बारिश से तुअर की यील्ड प्रभावित होने की संभावना है। महाराष्ट्र में अधिकतर जिलों में तुअर की फसल की स्थिति अच्छी दिख रही है। जानकारी अनुसार अगस्त अक्टूबर तक तुअर दाल में अच्छी मांग रहेगी । तुअर की मांग और भाव में कुछ सुधार की उम्मीद है। आने वाले महीनों में यदि तुअर की फसल को बड़ा नुकसान नहीं होता है, तो तेजी पर स्टॉक खाली करना ठीक है। अकोला तुअर को 6500 का सपोर्ट है। जबकि अच्छी तेजी 6750 के ऊपर ही संभव है।

चना: स्टॉक लिमिट में राहत के बाद से चना एवं चना दाल में अच्छी ग्राहकी निकली है। वायदा में सुधार होने से भी हाजिर चना में सुधार दर्ज किया गया। इस दौरान नाफेड द्वारा चना कम भाव में बिक्री नहीं करने से भी सपोर्ट मिला है। चना में नियर टर्म में भाव में कुछ दबाव मिल सकता है। इसका प्रमुख कारण हमे लगता है बड़ी कंपनियों की बिकवाली दरअसल 18 अगस्त के आसपास तक सभी को स्टॉक एक वैरायटी का 200 टन के दायरे में लाना होगा।

बड़ी कंपनियों के पास अभी भी काफी स्टॉक है। जिससे उनकी बिक्री निकल सकती है। हमारा मानना है अब जो गिरावट बनेगी, वह टेम्पररी होगी। हमारा विश्लेषण बताता है सितम्बर अक्टूबर में चना में मांग अच्छी रहेगी। इस बीच चना की सप्लाई भी बाजार में टाइट रहेगी। यदि चना का स्टॉक पड़ा है तो सितम्बर अक्टूबर में बेचने का मौका मिलेगा है। जिन कारोबारियों को ताजा खरीदी करना है तो 100 रुपये की गिरावट में चना खरीद सकते हैं। दिल्ली चना अब उम्मीद करते हैं 4900 के नीचे नहीं जायेगा। दिवाली तक 5500-5600 तक के स्तर देखने को मिल सकता है।