जयपुर। प्रदेश के मेधावी विद्यार्थी अब आर्थिक तंगहाली के कारण अपने सुनहरे भविष्य से वंचित नहीं होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऎसे प्रतिभावान पात्र विद्यार्थियों को विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्कृष्ट तैयारी के लिए ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ लागू करने की स्वीकृति दी है। इस योजना से हर वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के समान अवसर मिल सकेंगे। वित्त विभाग ने योजना के लिए परिपत्र के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा अल्पसंख्यक मामलात विभाग के माध्यम से संचालित की जाने वाली इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के वे विद्यार्थी पात्र होंगे, जिनके परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रूपए प्रतिवर्ष से कम है। साथ ही, ऎसे विद्यार्थी जिनके माता-पिता राज्य सरकार के कार्मिक के रूप में पे-मेट्रिक्स लेवल-11 तक का वेतन प्राप्त कर रहे हैं, वे भी योजना के लिए पात्र होंगे।
परिपत्र के अनुसार, किसी भी छात्र-छात्रा को इस योजना का लाभ केवल 1 वर्ष की अवधि के लिए देय होगा। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा, राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा, सब-इंस्पेक्टर एवं 3600 ग्रेड पे या पे-मैट्रिक्स लेवल-10 से ऊपर की अन्य परीक्षा, रीट, राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित ग्रेड पे-2400 या पे-मेट्रिक्स लेवल-5 से ऊपर की परीक्षा, कॉन्स्टेबल परीक्षा, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रवेश परीक्षा तथा क्लैट परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
परीक्षार्थियों की मेरिट का निर्धारण 12वीं अथवा 10वीं के प्राप्तांकों के आधार पर किया जाएगा। एसटी वर्ग के लिए योजना का संचालन जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं एससी, ओबीसी, एमबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लिए अल्पसंख्यक मामलात विभाग द्वारा किया जाएगा। ये विभाग जिलावार लक्ष्य निर्धारित कर विद्यार्थियों की मेरिट के अनुरूप चयनित संस्थानों के माध्यम से कोचिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। छात्र-छात्राओं के चयन के समय यह प्रयास किया जाएगा कि लाभार्थियों में कम से कम 50 प्रतिशत छात्राएं हों।
वर्तमान में जनजाति विकास विभाग द्वारा संचालित चिकित्सा एवं तकनीकी प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग योजना तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और अल्पसंख्यक मामलात विभाग द्वारा संचालित अनुप्रति योजना के स्थान पर ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ ही संचालित की जाएगी। केवल उन छात्र-छात्राओं की कोचिंग पुरानी योजनाओं के तहत हो सकेगी, जिनकी कोचिंग या तो प्रारम्भ हो चुकी है अथवा इसके लिए कार्यादेश दिए जा चुके हैं।
अपना आवास छोड़कर अन्य शहर के प्रतिष्ठित संस्थान से कोचिंग प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भोजन एवं आवास के लिए 40 हजार रुपये प्रतिवर्ष अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के संचालन के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग नोडल विभाग होगा। यह विभाग प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों एवं अन्य संस्थानों के एम्पेनलमेंट का कार्य भी पूरी पारदर्शिता के साथ करेगा। अन्य कार्यकारी विभाग भी कोचिंग संस्थानों का एम्पेनलमेंट कर सकेंगे।