नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अगुवाई में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 43वीं बैठक हुई। करीब 8 महीने बाद हुई काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में छोटे कोरोबारियों को कंप्लायंस में ढील दी गई है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अहम फैसलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम कारोबारियों पर कंप्लायंस के बोझ को घटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी रिटर्न भरने में लेट फीस और अमनेस्टी योजना पर चर्चा हुई।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी रिटर्न में देरी पर लेट फीस में कमी की गई है। अमनेस्टी स्कीम के तहत छोटे और मध्यम आकार के कारोबारियों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिन कारोबारियों ने रिटर्न नहीं भरा है, वे अमनेस्टी स्कीम का फायदा उठाते हुए कम लेट फीस के साथ रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
छोटे कारोबारियों के लिए लेट फीस में बदलाव और अधिकतम लेट फीस में कमी करने का फैसला भविष्य में टैक्स फाइलिंग पर लागू होगा। सीतारमण ने कहा कि इससे छोटे कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि छोटे कारोबारियों के लिए सालाना रिटर्न फाइलिंग वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी ऑप्शनल बनी रहेगी। इसका फायदा उन कारोबारियों को मिलेगा, जिनका टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से कम होगा। जिन कारोबारियों का टर्नओवर 5 करोड़ या इससे ज्यादा है, उन्हें वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिकॉन्सिलेशन स्टेटमेंट देना होगा