स्‍कॉर्पियो चोरी नहीं हुई थी बल्कि सचिन वझे के घर के बाहर खड़ी थी, NIA का दावा

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मुंबई। मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्‍फोटक भरी कार मिलने के मामले में महाराष्‍ट्र सरकार ने पुलिस अफसर सचिन वझे को सस्‍पेंड कर दिया है। मामले की जांच कर रही एनआईए ने खुलासा किया है कि यह कार चुराई नहीं गई थी बल्कि यह वझे की हाउसिंग सोसायटी में ही खड़ी थी। सचिन वझे को 25 मार्च तक एनआईए की कस्‍टडी में भेज दिया गया है।

एनआईए ने दी यह सफाई
इस पर एनआईए ने सफाई दी है कि वझे को शनिवार सुबह 11 बजे मामले के पूर्व जांच अधिकारी के तौर पर बुलाया गया था, आरोपी के रूप में नहीं। वझे 11:30 पर वहां आए लेकिन बातचीत के दौरान पता चला कि केस डायरी, मेमो वगैरह में कुछ गड़बड़‍ियां हैं। इसके अलावा वझे सवालों के सही जवाब भी नहीं दे रहे थे। इसके बाद रात 11:50 पर उन्‍हें अरेस्‍ट कर लिया गया।

मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी कार
जिलेटिन की छड़ों से लदी कार मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर 25 फरवरी को पाई गई थी। इस कार के मालिक मनसुख ह‍िरेन ने पुलिस में इसकी गुमशुदगी की र‍िपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में पता चला कि यह चोरी नहीं हुई थी बल्कि ‘इसकी चाबी से दरवाजा खोलकर इसे ले जाया गया था’। बाद में यह स्‍कॉर्पियो अंबानी के घर के बाहर विस्‍फोटकों समेत पाई गई थी। हिरेन मनसुख का शव ठाणे की एक खाड़ी में 5 मार्च को मिला था।

वझे ने डीवीआर को पहुंचाया नुकसान
वझे ने माना है कि स्‍कॉर्पियो मामले में उनकी भूमिका थी लेकिन उन्‍होंने ऐसा क्‍यों किया वह नहीं बताया। सूत्रों का कहना है कि वझे ने अपनी हाउसिंग सोसायटी के सीसीटीवी कैमरों के डिजिटल वीडियो र‍िकॉर्डर (डीवीआर) को अपने कब्‍जे में कर लिया था। एनआईए ने बताया कि डीवीआर को नुकसान पहुंचाया गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि वझे नंबर प्‍लेट बनाने वाली दुकान गए थे और वहां कस्‍टमरों से जुड़े सभी डिजिटल सबूत अपने साथ ले गए। बताया जाता है कि स्‍कॉर्पियो पर स्‍कूटर की नंबर प्‍लेट लगी थी, और यह दुकान‍ ह‍िरेन की कार एसेसरीज शॉप के सामने स्थित है।

किसी ‘सर’ से मिलने गए थे हिरेन
इस पूरे मामले में ह‍िरेन ने 18 फरवरी को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि वह जब ओपरा हाउस जा रहे थे उस समय उनकी स्‍कॉर्पियो रास्‍ते में खराब हो गई। वह उसे ईस्‍टर्न एक्‍सप्रेस हाईवे पर पार्क करके ओला कैब लेकर क्रॉफोर्ड मार्केट ले गए। ओला कैब के ड्राइवर ने जांच कर रही एटीएस को बताया कि ह‍िरेन क्रॉफोर्ड मार्केट न जाकर सीएसटी के पास ऐसे शख्‍स से मिलने गए जिसे वह फोन पर ‘सर’ कह रहे थे।

वझे के कहने पर लिखाई झूठी एफआईआर
जांचकर्ताओं का कहना है कि वझे के कहने पर हिरेन ने स्‍कॉर्पियो की चाबी इसी शख्‍स को सौंपी थी। इसी ने बाद में कार वझे की हाउसिंग सोसायटी में पार्क कर दी। यह कार लगभग एक सप्‍ताह तक वहीं खड़ी रही, बाद में अंबानी के घर के बाहर मिली। सूत्रों के अनुसार, वझे ने ह‍िरेन पर दबाव डालकर स्‍कॉर्पियो चोरी होने की रिपोर्ट लिखवाई थी।

एनआईए का दावा- बड़ी साजिश है
इसके अलावा, वझे ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि अहम सबूत जांच एजेंसियों के हाथ न लग जाएं 2 मार्च को अपनी सोसायटी को लेटर लिखकर जांच के नाम पर डीवीआर अपने कब्‍जे में ले ल‍िया। सोसायटी के एक निवासी ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है। वझे इस मामले में पहले जांच कर रही क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का हिस्‍सा थे। एनआईए ने अपनी रिमांड एप्‍ल‍िकेशन में दावा किया है कि वझे एक बड़ी साजिश का हिस्‍सा हैं। अभी इसमें और भी कई लोग शामिल हैं।