भारत अगले दस वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा

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नई दिल्ली। भारत 2025 तक विश्व की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा। फिलहाल यह 6 नंबर पर है। 2025 में यह UK को पीछे छोड़ेगा। जबकि 2020 में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा। यह जानकारी एक थिंक टैंक ने दी है।

बता दें कि 2019 में भारत UK को पीछे छोड़ कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना था। पर 2020 में यह छठें नंबर पर आ गया है। यूके इस रैंकिंग में 2024 तक बना रहेगा। कोरोना में ज्यादा असर और डॉलर की तुलना में रुपए में कमजोरी से भारत छठें नंबर पर पहुंच गया। सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (CEBR) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

(CEBR) का अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ज्यादा डेवलप इकोनॉमी होगी। इसकी सालाना ग्रोथ दर 5.8% की 2035 में होगी। इस ग्रोथ की वह से भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा। यहां तक पहुंचने के लिए भारत यूके, जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ेगा। यूके के इस थिंक टैंक के मुताबिक, चीन 2028 तक अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। इसी के साथ चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।

जापान तीसरे नंबर पर रहेगा
डॉलर टर्म के मामले में जापान अभी तीसरे नंबर पर बना रहेगा। हालांकि 2030 में यह खिसक कर पांचवें नंबर पर जा सकता है। थिंक टैंक ने कहा कि भारत की इकोनॉमी कोरोना की वजह से काफी प्रभावित हुई है। देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर 2019 में 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। उस समय 4.2 पर्सेंट की विकास दर थी। 2018 में यह 6.1 पर्सेंट पर थी। 2016 में इसकी ग्रोथ रेट 8.3 पर्सेंट थी।

ग्रोथ रेट में कमी की वजह बैंकिंग सिस्टम में तनाव, सुधारों को लागू करना और ग्लोबल ट्रेड में धीमी गति रही है। थिंक टैंक के अनुसार कोरोना की वजह से अब तक भारत में 1.40 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के बाद यह किसी भी देश में अब तक की सबसे अधिक मौत है।

अर्थव्यवस्था में 7.5 पर्सेंट की गिरावट
देश की अर्थव्यवस्था में दूसरी तिमाही में 7.5 पर्सेंट की गिरावट आई थी। जबकि पहली तिमाही में 23.9 पर्सेंट की गिरावट थी। यह इसलिए क्योंकि कोरोना की वजह से आर्थिक गतिविधियां बंद थीं। भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण कृषि सेक्टर है, जिसमें रिकवरी दिखी है और दूसरी तिमाही में इसमें बढ़त रही है। सरकार ने कोरोना के समय करीबन 29 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की भी घोषणा की जिससे थोड़ा बहुत पॉजिटिव असर देखा गया।