राहत / यस बैंक ने ग्राहकों के लिए सभी सेवाएं फिर शुरू कीं

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नई दिल्ली। यस बैंक के ग्राहकों को बुधवार को बड़ी राहत मिली है।आरबीआई ने शाम छह बजे यस बैंक पर लगी तमाम पाबंदियां हटा लीं, जिसके बाद बैंक ने ग्राहकों को अपनी सभी सेवाएं एक बार फिर शुरू कर दी हैं। भारी-भरकम एनपीए के कारण वित्तीय संकट में फंसने के बाद रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को बैंक को मोराटोरियम में डालने के साथ ही इसके बोर्ड को भंग कर दिया था। आरबीआई ने एक महीने में 50 हजार रुपये की निकासी सीमा भी तय कर दी थी।

सरकार ने पिछले सप्ताह यस बैंक के पुनर्गठन योजना को अधिसूचित किया था। एसबीआई ने यस बैंक में बड़ी हिस्सेदारी लेकर उसमें अच्छी-खासी पूंजी डाली है।यस बैंक ने ट्वीट किया, ‘हमारी बैंक सेवाएं फिर से परिचालन में आ गई हैं। आप हमारी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। सहयोग और धैर्य के लिए धन्यवाद।’

सभी सेवाएं शुरू
सरकार ने शनिवार को जारी अधिसूचना में कहा था कि बैंक पर लगी इस रोक को 18 मार्च शाम छह बजे उठा लिया जाएगा। यस बैंक ने ट्वीट जारी कर कहा था, ‘हम बुधवार 18 मार्च 2020 को शाम छह बजे से अपनी सभी बैंकिंग सेवाओं को शुरू कर देंगे। बैंकिंग सेवाएं शुरू होने के बाद 19 मार्च 2020 को आप हमारी देशभर में फैली 1,132 शाखाओं में से किसी भी शाखा में जा सकते हैं और हमारी तमाम सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।’

अनियमितता का पता चला
केंद्रीय बैंक ने 2017 से बैंक में प्रशासन संबंधी मसले, कमजोर अनुपालन, गलत परिसंपत्ति वर्गीकरण जैसी स्थितियों को पाया। कर्ज के जोखिम भरे फैसलों का पता चलने के बाद रिजर्व बैंक ने यस बैंक प्रबंधन में बदलाव का सुझाव दिया था। ये फैसले बैंक के हित में किए गए और सितंबर 2018 में एक नए सीईओ की नियुक्ति हुई। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को भी यस बैंक में अनियमितताओं का पता चला। इसके बाद आरबीआई ने यस बैंक के लिए एक पुनर्गठन योजना का प्रस्ताव दिया था, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी।

यह है पुनर्गठन योजना
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री-भरकम एनपीए से जूझ रहे यस बैंक को पटरी पर लाने के लिए पुनर्गठन योजना के तहत एसबीआई तीन साल तक बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 26% से कम नहीं कर सकता, जबकि बैंक अन्य निवेशक तथा मौजूदा शेयरधारकों के 75% निवेश के लिए तीन साल का एक लॉक इन पीरियड होगा। हालांकि, 100 से कम शेयर रखने वाले शेयरधारकों पर लॉक इन पीरियड का नियम लागू नहीं होगा।

प्रशांत कुमार सीईओ
यस बैंक के नए बोर्ड में पूर्व वित्तीय अधिकारी एवं एसबीआई के डेप्युटी मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत कुमार सीईओ तथा एमडी बनाए गए हैं, जबकि पंजाब नैशनल बैंक के पूर्व नॉन-एग्जेक्युटिव चेयरमैन सुनील मेहता नॉन-एग्जिक्युटिव चेयरमैन तथा महेश कृष्णमूर्ति और अतुल भेडा नॉन-एग्जेक्युटिव चेयरमैन बनाए गए हैं।

यस बैंक को 19 हजार करोड़ का घाटा
सरकार की अधिसूचना में कहा गया, ‘सरकार द्वारा पुनर्गठित बैंक के लिए पहले जारी किया गया पाबंदी का आदेश योजना के लागू होने के तीसरे दिन 18:00 बजे से समाप्त हो जाएगा’ यस बैंक ने चालू वित्त वर्ष की 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही के दौरान 18,654 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। बैंक को दिए गए कर्ज के लिए ऊंचा प्रावधान किए जाने की वजह से उसका घाटा बढ़ा है। इससे एक साल पहले 2018- 19 में इसी तिमाही में बैंक ने 1,001.8 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था।

फाउंडर के खिलाफ मुकदमा
यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। ईडी अधिकारियों को शक है कि राणा कपूर ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर रहते हुए उन्होंने यस बैंक के हित के साथ समझौता किया। निजी संबंध लोन बांटने में हावी रहे। लोन बांटने के बदल उन पर रिश्वत लेने का भी आरोप लगा है।