बेंगलुरु। फरवरी में केंद्र सरकार ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को बिटकॉइन नेटवर्क का हिस्सा बनने से रोक दिया और इसके बाद केवल वे भारतीय बिटकॉइन की खरीद बिक्री कर पा रहे थे जिनके पास विदेशी बैंकों में खाता है या जिनके रिश्तेदार विदेशों में रह रहे हैं। लेकिन अब देश में बिटकॉइन का ATM खुल गया है जिसकी मदद से कोई भी क्रिप्टोकरंसी खरीद और बेच सकता है। क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज यूनियन ने बेंगलुरु के एक मॉल में बिटकॉइन का पहला ATM (कियॉस्क) लगाया है।
ATM निर्माता कंपनी NCR ने इसे तैयार किया है और यह सामान्य बैंक मशीन की तरह ही है, लेकिन कुछ बदलाव किए गए हैं। क्रिप्टोकरंसी कारोबार में बैंकों के शामिल होने पर रोक की वजह से मशीन में डेबिट/क्रेडिट कार्ड स्लॉट को डिसेबल कर दिया गया है।
यूनिकॉन और इसकी यूनिट यूनोडेक्स के ग्राहक 500 रुपये मूल्य के नोटों में 1000-10,000 रुपये के बीच की राशि प्रति दिन प्रति ट्रांजैक्शन जमा कर सकते हैं या निकाल सकते हैं। ग्राहक अपने खाते में मौजूद रकम से इस ATM के सहारे दूसरी क्रिप्टोकरंसी भी खरीद सकते हैं।
यूनिकॉन के फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने कहा, ‘हमारे पास 13 लाख ग्राहक हैं और हमें उम्मीद है कि यह ग्राहकों की दिक्कतों को दूर कर देगा।’
बैन से पहले भारतीय बिटकॉइन का इस्तेमाल Nafa.in से गिफ्ट खरीदने, पदमा बुक हाउस से किताबें, म्यूजिक सीडी और बस टिकट खरीदने में कर सकते थे। इस समय भारतीय इसका इस्तेमाल आमतौर पर जापान जैसे देशों में करते हैं जहां इससे ट्रांजैक्शन वैध है। बहुत से लोग इसे केवल निवेश के नजरिए से खरीद रहे हैं।
यूनिकॉन के फाउंडर विश्वनाथ ने कहा कि फरवरी में बैन लगने के बाद भी उनके प्लैटफॉर्म पर ग्राहकों की संख्या 18 फीसदी की रफ्तार से बढ़कर 13 लाख हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘फाइनैंस मिनिस्टर का बयान बहुत स्पष्ट था। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरंसी भारत में लीगल टेंडर नहीं है। उन्होंने इसे अवैध टेंडर नहीं कहा।
इसमें बड़ा अंतर है। इसका मतलब यह है कि आप अपने निवेश का जोखिम खुद वहन करेंगे और इस इंडस्ट्री के लिए कोई रेग्युलेशन नहीं है।’ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल अपने 1 फरवरी के बजट भाषण में कहा था कि क्रिप्टोकरंसीज, वैध मुद्रा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक भी कई बार इस पर अपनी राय व्यक्त कर चुका है।
आरबीआई ने बैंकों, ई-वॉलिट आदि को किसी व्यक्ति या संस्था को क्रिप्टोकरंसी खरीदने की सुविधा देने पर पाबंदी लगा दी थी। दिसंबर 2013 में स्थापित यूनिकॉन के मुखिया विश्वनाथ ने कहा, ‘दिल्ली और मुंबई में भी कियॉस्क लगाए जाएंगे। हम अब इन्हें कियॉस्क कह रहे हैं क्योंकि लोग इसे आम ATM समझकर इससे नकदी निकासी करने पहुंच रहे थे।’