एलन में भजन गायक विनोद अग्रवाल ने बहाई भक्ति की सरिता

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कोटा। शब्द ब्रह्म है, इसके साथ जब नाद मिलता है तो परम ब्रह्म हो जाता है। आनन्द की अनुभूति चरम पर पहुंच जाती है। विचार शून्यता आ जाती है और भाव विभोर हो जाते हैं। भजन गायकी का कुछ ऐसा ही प्रभाव सोमवार रात को एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में आयोजित श्यामघन महोत्सव में देखने को मिला।

जहां एक ओर तो मंद-मंद बयार के बीच शीतलता बरस रही थी और इसके साथ ही देश के भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने भजनों का रस बहा दिया। माहौल ऐसा बना कि श्रद्धालु भाव विभोर हो गए और उनकी आंखों से अश्रुधाराएं फूट गई। 

प्रभु के भक्ति भजनों का यह संगम जवाहर नगर स्थित एलन सत्यार्थ कैम्पस के सौहार्द सभागार में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट एवं श्री गिरिराज मित्र मंडल के संयुक्त तत्वावधान में श्यामघन महोत्सव में हुआ। कार्यक्रम में देश के भजन सम्राट विनोद अग्रवाल के साथ बलदेव कृष्ण व धीरज बावरा ने भी भजनों की रस धार बहाई।

श्री कृष्ण के चित्रों और चहुं और मोरपंख व पुष्पों से आच्छादित बांके बिहारी की मनोहर झांकी सजाई गई। यहां हिण्डोेले में बाल गोपाल बांके बिहारी के रूप में बिराजे। दर्शन की शुरुआत होने के साथ ही हर ओर जय श्री राधे-राधे के जयकारे गूंज उठे। कार्यक्रम की शुरूआत प्रभु वंदन के साथ हुई।

एलन के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी व बृजेश माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत किया। श्री गिरिराज मित्र मंडल के सदस्यों ने सभी भजन गायकों व अन्य सदस्यों का स्वागत किया। इसके बाद बलदेव कृष्ण एवं धीरज बावरा ने भजनों की बूंदें बरसाना शुरू किया। हर तरफ माहौल भक्तिमय हो गया। एक के बाद एक भक्ति भजन से माहौल ऐसा हो गया कि श्रद्धालु झूम उठे।

इसके बाद विनोद अग्रवाल माइक पर आए और उन्होंने अपनी सुमधुर वाणी से भजनों की सरिता बहाना शुरू किया। भजनों के प्रवाह का जादू फिर श्रद्धालुओं के सिर पर ऐसा चढ़कर बोला कि श्रद्धालु भक्ति भाव में डूब गए, सिर्फ झूमे ही नहीं वरन उनकी आंखों से अश्रुधारा फूट गई।

मंच पर मौजूद एलन के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी ने भी अग्रवाल के साथ भजनों की प्रस्तुति दी। शहरवासी भक्ति से ऐसे जुड़े कि दो घंटे तक लगातार भजनों में डूबे रहे। कार्यक्रम में शहर के जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, उद्यमी व बड़ी संख्या में कृष्णभक्त शामिल हुए।

भक्ति में झूमे श्रद्धालु
भजन गायकों ने ‘मैं राधे-राधे गाऊं श्याम जी तुम्हें रिझाऊं…’, ‘बरसाने वाली राधा प्यारी, राधे गोविंद… ’, ‘मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है…’ ‘सांवरे-सांवरे…’,। आरंभ में बलदेव कृष्ण व धीरज बावरा ने भजनों की शानदार प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम में समां बांधा। इसके बाद विनोद अग्रवाल ने ठाकुर जी के दरबार की कमान संभाली।

उन्होने चिर-परिचित अंदाज में ‘गोविंद-गोविंद गोपाल… से भजनों की शुरुआत की। भजनों को पेश करते हुए विनोद अग्रवाल ऐसे खोए कि कभी उनका चेहरे पर मंद मुस्कान दिखती, तो कभी उनके नेत्रों से अश्रु छलकने लगे। वहीं अन्य कलाकारों ने राधारानी के मनोहारी सौंदर्य का वर्णन किया। विरह के कुछ भजनों पर तो भक्तों की आंखें भी नम हो गई।

विनोद अग्रवाल की भजन संध्या में उपस्थित श्रोता