बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने के लिए सीएम जन आवास योजना में बदलाव

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    जयपुर। सीएम जन आवास योजना के प्रावधानों में पहले से शिथिलताएं होने के बावजूद रुझान कमजोर होने पर सरकार ने और रियायतें दे दी है। बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए एक दो नहीं करीब एक दर्जन बदलाव कर दिए गए हैं। सरकार की योजना को चुनावी साल में पंख लगाने और रिअल एस्टेट कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह परिवर्तन किए हैं।

    अब सीएम जन आवास योजना के फ्लैटों में लिफ्ट का शुल्क अलग से लेने का बिल्डरों को अधिकार दे दिया है। अब तक फ्लैट के कुल बिल्ट अप एरिया के साथ ही कॉमन एरिया और लिफ्ट, सीढ़ी आदि की दर शामिल मानी जाती थी। इसके अलावा जी प्लस टू के फ्लैटों में दो अपार्टमेंट के बीच कॉमन सीढ़ी की रियायत दे दी है। अब तक हर अपार्टमेंट के लिए अलग से सीढ़ी (स्टेयर्स) रखने का प्रावधान था।

    योजना में पहले जी प्लस टू श्रेणी के अपार्टमेंट ही बनाने के प्रावधान थे। अब एक लाख तक के शहरों में केवल भूतल तक के अपार्टमेंट, 2 लाख तक के शहरों में भूतल प्लस वन श्रेणी के अपार्टमेंट और 2 लाख से अधिक आबादी के शहरों न्यूनतम भूतल प्लस 2 मंजिल तक के आवास बनाए जा सकेंगे।

    योजना के आवासों की लॉटरी में आवंटन से शेष रहे आवासों को अब बिल्डर पहले आओ-पहले पाओ आधार पर सभी प्रकार के फ्लैट खुद के स्तर से बेच सकेंगे। पार्टमेंट में यदि लिफ्ट लगती है तो बिल्डर 50 इकाइयों तक क्रेता से 75 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से अधिक राशि ले सकेगा। योजना की दरें हर साल एक अप्रैल से स्वत: 5% बढ़ाए जाने का अधिकार रहेगा ।

    बिल्डर यदि खुल जमीन खरीदकर योजना के अपार्टमेंट बनाता है (योजना का प्रावधान 3बी) तो उसके लिए ईडब्लुएस आवास की इकाई का अब न्यूनतम क्षेत्रफल 30 वर्गमीटर, एलआईजी आवास इकाई का न्यूनतम क्षेत्रफल 45 वर्गमीटर रहेगा। योजना के तहत प्रावधान 3 बी श्रेणी के तहत प्रस्तावित आवासों में सीढ़ी के क्षेत्र को कारपेट एरिया से छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया

    प्रावधान ईडब्लुएस-एलआईजी के दो भूखंडों में कॉमन सीढ़ी रखे जाने का प्रावधान किया गया  3 बी के तहत अपार्टमेंट के अग्र सैट बैक 1.5 मीटर में दुपहिया वाहनों को समानांतर खड़े रखे जाने की छूट रहेगी योजना में पहले जी प्लस टू श्रेणी के अपार्टमेंट ही बनाने के प्रावधान थे।

    अब एक लाख तक के शहरों में केवल भूतल तक के अपार्टमेंट, 2 लाख तक के शहरों में भूतल प्लस वन श्रेणी के अपार्टमेंट और 2 लाख से अधिक आबादी के शहरों न्यूनतम भूतल प्लस 2 मंजिल तक के आवास बनाए जा सकेंगे।
    योजना के आवासों की लॉटरी में आवंटन से शेष रहे आवासों को अब बिल्डर पहले आओ-पहले पाओ आधार पर सभी प्रकार के फ्लैट खुद के स्तर से बेच सकेंगे।

    अपार्टमेंट में यदि लिफ्ट लगती है तो बिल्डर 50 इकाइयों तक क्रेता से 75 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से अधिक राशि ले सकेगा। योजना की दरें हर साल एक अप्रैल से स्वत: 5% बढ़ाए जाने का अधिकार रहेगा । बिल्डर यदि खुल जमीन खरीदकर योजना के अपार्टमेंट बनाता है (योजना का प्रावधान 3बी) तो उसके लिए ईडब्लुएस आवास की इकाई का अब न्यूनतम क्षेत्रफल 30 वर्गमीटर, एलआईजी आवास इकाई का न्यूनतम क्षेत्रफल 45 वर्गमीटर रहेगा।

    योजना के तहत प्रावधान 3 बी श्रेणी के तहत प्रस्तावित आवासों में सीढ़ी के क्षेत्र को कारपेट एरिया से छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया  प्रावधान ईडब्लुएस-एलआईजी के दो भूखंडों में कॉमन सीढ़ी रखे जाने का प्रावधान किया गया
    3 बी के तहत अपार्टमेंट के अग्र सैट बैक 1.5 मीटर में दुपहिया वाहनों को समानांतर खड़े रखे जाने की छूट रहेगी