बारां। रसद विभाग के निरीक्षक (प्रमोशन पर बने प्रवर्तन अधिकारी) दिनेश चौबे को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 1.76 लाख रुपए के साथ कोटा जंक्शन पर पकड़ा था। यह कार्रवाई एसीबी ने राशन डीलरों से अवैध रूप से वसूली के शक में की थी।
पकड़ी गई राशि के संबंध में रसद निरीक्षक उचित जानकारी नहीं दे पाए थे। इस संबंध में मुख्यालय में प्रकरण दर्ज करने के लिए कोटा एसीबी ने जांच पूरी कर भेजा था । इस पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय ने 30 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मामले की जांच बारां एसीबी के पुलिस उप अधीक्षक प्रेमचंद मीणा को सौंपी है।
एसीबी बारां के डीएसपी प्रेमचंद मीणा ने बताया कि मूल रूप से दौसा जिले के बांदीकुई निवासी दिनेश चौबे के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। उनके पास पत्रावली आएगी और इस संबंध में आगे नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
एसीबी कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि दिनेश चौबे बारां के राशन डीलरों से अवैध रूप से पैसे की वसूली कर जयपुर जा रहा है। ऐसे में 6 सितंबर को एसीबी कोटा की टीम ने कोटा जंक्शन पर कार्रवाई के लिए पहुंची थी। उन्होंने बताया कि आरोपी दिनेश चौबे को जब कोटा जंक्शन के यात्री प्रतीक्षालय में मौजूद था और ट्रेन का इंतजार कर रहा था। तब एसीबी की टीम ने जाकर बातचीत की, लेकिन उसने बैग अपना होने से इनकार कर दिया था। .
विधायक की सिफारिश मिली: जब चौबे के बैग की तलाशी ली गई तो उसमें बारां- अटरू एमएलए राधेश्याम बैरवा की एक डिजायर मिली। इसमें प्रमोशन के बाद भी प्रवर्तन अधिकारी के रूप में दिनेश चौबे को बारां में ही में ही पदस्थापित करने के लिए सिफारिश की गई थी। इसके अलावा चिकित्सकीय पर्चा मिला, जिसमें दिनेश चौबे के लिए ही डॉक्टर की प्रिसक्राइब की गई दवाइयां थी।
कुछ राशन की दुकानों का स्टॉक का विवरण में था, साथ ही एसीबी की टीम ने सीसीटीवी फुटेज भी स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट के लिए थे। इसमें दिनेश चौबे इस बैग के साथ नजर आ रहा है। इसके आधार पर ही प्रथम दृष्टया जांच में चौबे पर मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई थी।