Black Pepper: इस महीने त्यौहारी मांग निकलने से कालीमिर्च में तेजी का अनुमान

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कोच्चि। Black Pepper Price: कालीमिर्च की नई फसल आने में अभी तीन-माह महीने की देर है जबकि घरेलू एवं निर्यात मांग मजबूत देखी जा रही है। कर्नाटक तथा केरल जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में मौसम धीरे-धीरे साफ होने लगा है लेकिन मानसून के लौटते चरण में वहां बारिश हो सकती है। फसल की हालत फिलहाल सामान्य बताई जा रही है।

अक्टूबर-नवम्बर का मौसम कालीमिर्च की फसल के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। ध्यान देने की बात है कि अक्टूबर से दिसम्बर तक दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्व मानसून सक्रिय रहता है जिससे जाड़े के दिनों में वहां अच्छी वर्षा होती है।

उत्तरी भारत में केरल तथा कर्नाटक से कालीमिर्च मंगाई जा रही है जिसमें विदेशों से आयातित माल भी शामिल है। श्रीलंका तथा वियतनाम सहित कुछ अन्य देशों से कालीमिर्च का आयात हो रहा है।

समझा जाता है कि दिसावरी व्यापारी अब नीलामी केन्द्रों से ज्यादा सीधे उत्पादकों के घरों से कालीमिर्च की खरीद को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके फलस्वरूप कोच्चि समेत अन्य मंडियों में माल की आवक बहुत कम हो रही है।

मसाला बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2024 के दौरान देश से 4750.25 टन कालीमिर्च का निर्यात हुआ जिससे 216.22 करोड़ रुपए की आमदनी प्राप्त हुई।

इसके मुकाबले अप्रैल-जून 2023 के दौरान 168.68 करोड़ रुपए मूल्य की 4174.56 टन कालीमिर्च का निर्यात किया गया था। कालीमिर्च का भाव आगामी समय में मजबूत रहने के आसार हैं क्योंकि श्राद्ध (पितर) पक्ष समाप्त होने के बाद इसकी घरेलू मांग बढ़ने की संभावना है।

उसके बाद लग्नसरा का समय शुरू होगा और फिर जाड़े का मौसम आरंभ हो जाएगा।उम्मीद की जा रही है कि कालीमिर्च का निर्यात प्रदर्शन भी बेहतर रहेगा। नई फसल की जोरदार आपूर्ति शुरू होने तक कीमतों में नरमी का माहौल बनना मुश्किल लग रहा है।