रिपोर्ट: बोतल बंद पानी में टॉइलट शीट से 40 हजार गुना ज्यादा बैक्टीरिया

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नई दिल्ली। Health News: बीमारियों के फैलने की सबसे बड़ी वजह गंदगी और संक्रमण बताई जाती है। एक नई स्टडी में कहा गया है कि एक रीयूजेबल यानी बार-बार इस्तेमाल किए जाने वाले बोतल में टॉइलट शीट के मुकाबले 40 हजार गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं। यह बात जानकर आपको हैरानी हुई होगी। अमेरिका की एक टीम ने कई तरह के बोतल पर शोध करके यह बात कही है।

waterfilterguru.com ने बोतलों के हिस्सों पर भी शोध किया। इसकी तली, ढक्कन, बीच का हिस्सा और अन्य हिस्सों की जब जांच की गई तो पता चला कि इनपर भारी मात्र में बैक्टीरिया मौजूद हैं। Huffpost की रिपोर्ट के मुताबिक इसपर ग्राम निगेटिव रॉड्स और बैसिलस पाए गए। ऑस्ट्रेलियन कैथोलिक यूनिवर्सिटी के एक एक्सपर्ट ने कहा कि हमारे आसपास मौजूद रोज इस्तेमाल किए जाने वाले सामान भी हमें धोखा देते हैं। भला हम किसी बच्चे को पानी की बोतल का इस्तेमाल करने से कैसे रोक सकते हैं।

स्टडी में कहा गया है कि ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया आसानी से इन्फेक्शन फैलाता है क्योंकि इसपर एंटीबॉयोटिक्स का असर नहीं होता है। वहीं खास तरह का बैसिलस पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। शोध में कहा गया है कि पानी के बोतल में किचन की सिंक से भी ज्यादा बैक्टीरिया होता है। बोतल में कंप्यूटर के माउस से 14 गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं।

इंपीरयल कॉलेज ऑफ लंदन के एक एक्सपर्ट डॉ. एंड्रयू एजवर्ड ने कहा कि इंसान का मुंह बैक्टीरिया का घर होता है। पानी की बोतल बैक्टीरिया पैदा होने के लिए अड्डा बन सकते हैं। हालांकि सभी बैक्टीरिया खतरनाक नहीं होते हैं। उन्होंने कहा, हमने यह नहीं सुना कि कोई भी पानी की बोतल की वजह से बीमार हो रहा है। इसी तरह पानी के नल से भी दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि पानी के बोतल में वही बैक्टीरिया होती हैं जो कि पहले से इंसान के मुंह में भी होती है।

एक्सपर्ट की राय
स्टडी में कहा गया है कि स्ट्रॉ वाली बोतल तीन तरह के बोतलों में सबसे साफ पाया गया। एक्सपर्ट का कहना है कि रीयूजेबल बोतल को कम से कम दिन में एक बार डिटर्जेंट या फिर गरम पानी से धोना चाहिए। वहीं हफ्ते में कम से कम एक बार ठीक तरह से सैनिटाइज करना चाहिए।