अधिकतम लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए उचित नीतियों की जरूरत

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कोटा में तीन दिवसीय ‘रिसर्च कांफ्रेंस ऑन ब्रिक्स’ का शुभारंभ

कोटा। कोटा विश्वविद्यालय के कॉमर्स एंड मैनेजमेंट विभाग और डरबन यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में द्वितीय तीन दिवसीय ‘रिसर्च कांफ्रेंस ऑन ब्रिक्स’ सोमवार से डीसीएम रोड स्थित होटल में प्रारंभ हुई। कांफ्रेस में ब्रिक्स देशों समेत 14 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

उद्घाटन समारोह में भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशुरानी, कोटा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निलिमा सिंह, डीन डॉ. अनिता सुखवाल, वित्त नियंत्रक पूनम मेहता, कॉमर्स एंड मैनेजमेंट विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुकृति शर्मा अतिथि रही। मुख्य वक्ता साउथ अफ्रीका की डरबन यूनिवर्सिटी के डीन प्रोफेसर फुलतेलो नेटस्वरा थे। इस दौरान ‘ब्रिक्स देशों में आजीविका विकास और स्थिरता: सामाजिक न्याय, शासन और बहुपक्षवाद में ज्ञान साझा करना’ विषय पर संबोधित किया। कांफ्रेंस में ब्राजील, रूस, भारत, दक्षिण अफ्रिका, उज्बेकिस्तान, इंडोनेशिया, श्रीलंका, यूके समेत 14 देशों से 35 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। वहीं चीन से प्रतिनिधि ऑनलाइन जुड़े। कांफ्रेंस के पहले दिन सोमवार को 6 टेक्निकल सेशन और 2 सिम्पोजियम हुए।

संबोधित करते हुए डरबन यूनिवर्सिटी के डीन फ़ुलुफ़ेलो नेटस्वेरा ने कहा कि ब्रिक्स देशों में ब्राजील ने गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में काफी अच्छा काम किया है। भारत में भी इस दिशा में काम हो रहा है। अधिकतम लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए उचित नीतियों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगली कांफ्रेंस ब्राजील में होगी। भारत में आयोजित इस कांफ्रेंस ने इतनी बड़ी रेखा खींच दी है कि अब ब्राजील को बहुत मेहनत करनी होगी।

प्रो. अशुरानी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को जलवायु परिवर्तन पर विस्तार से चर्चा की जरूरत है। भारत में जोशीमठ जैसा संकट आया है। दुनिया भर में ऐसी समस्याएं पैदा हो रही है। हम आपसी समझ और नीतियों को साझा कर इस वैश्विक चुनौती का सामना कर सकते हैं। प्रो. निमित चौधरी ने कहा कि देश में एक मात्र प्रदेश है जहां पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिला है। आने वाले दिनों में राजस्थान पर्यटन के क्षेत्र में भरपूर प्रगति करेगा।सिम्पोजियम में आशीष भैया जी, संदीप वालिया, कुलदीप सिंह चंदेला, उज्बेकिस्तान से एरीना, साउथ अफ्रिका से प्रो निर्मला, पूनम मेहता एवं श्वेता यादव ने संबोधित किया।

कॉमर्स एंड मैनेजमेंट विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुकृति शर्मा ने बताया कि मंगलवार को खुले सत्र होंगे। जिनमें बाबा व्रत चौधरी उपस्थित रहेंगे। वहीं प्रो. वेंकटराम, प्रो. क्रिस्टोफर संबोधित करेंगे। इस दौरान कांफ्रेंस में निमित चौधरी, मनोरंजन शर्मा, वेंकटाराव, मुखमेदनज़रों आइरीना, व्लादिमीरोवना, ब्रूनो डी कोंटी, डबारता चौधरी, प्रतिभानी बन्दूसेना, फ़ुलुफ़ेलो नेटस्वेरा, संपत सीरिवर्डेना, क्रिस्टोफ़र रुसेल, ज़मास्वाज़ी सेले, असप परंतिका, मस्तूरा सीडीकोवा यंकी हर्टीजस्टी, रफ़ाएला मेलो रोड्रिग्स, केडीबोन फागो एलटन फ़र्नांडीज़, मारिया अपनोविच समेत अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे। वहीं भारत के विभिन्न सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, आईआईएम, मुंबई, गुजरात, बंगलुरु, दिल्ली , नार्थ ईस्ट से भी टीचर्स, स्टूडेंट्स और रिसेर्च स्कॉलर्स शामिल हुए।

स्वागत से अभिभूत हुए प्रतिनिधि
ब्रिक्स समेत अन्य देशों से आए 35 प्रतिनिधियों के साथ तकरीबन 250 लोगों का कोटा डोरिया का दुशाला और मोतियों की माला पहनाकर स्वागत किया गया। इस दौरान शहनाई वादन के साथ किए गए स्वागत से सभी प्रतिनिधि अभिभूत हुए। छात्र मयंक ने केसरिया बालम पधारो नी म्हारे देस… की प्रस्तुति दी। कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह ने कहा कि अतिथि देवो भवः हमारी परंपरा है। अनीता सुखवाल ने स्वागत भाषण दिया। रात को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। मोर नृत्य, चकरी, कालबेलिया, भवई, अग्नि नृत्य में राजस्थानी छटा देखकर प्रतिनिधि रोमांचित हो उठे। जल तरंगिनी में कप से म्युजिक निकलते देखना भी आकर्षित कर रहा था। कठपुतली नृत्य ने सभी को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।