अवैध खनन के खिलाफ प्रदर्शन को पर्यावरणविदों का समर्थन

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बड़ी संख्या में बारां पहुंचेंगे

कोटा। विधायक भरत सिंह के आह्वान पर अवैध खनन के विरोध में एवं सोरसन में गोडावण संरक्षण की मांग को लेकर पर्यावरणविद् बारां में आयोजित प्रदर्शन में पर्यावरण संस्थाओं के जुडे लोग भी भाग लेंगे। राष्ट्रीय जल बिरादरी, चम्बल संसद, इंटेक एवं गायत्री परिवार ट्रस्ट, कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी,चम्बल रेस्क्यू फोर्स आदि ने भी भरत सिंह के आंदोलन को समर्थन दिया है।

चम्बल संसद के अध्यक्ष केबी नंदवाना, समन्वयक बृजेश विजयवर्गीय, डाॅ. अमित सिंह राठौड, अनिता चौहान, गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी जीडी पटेल, इंटेक के कंवीनर निखिलेश सेठी को-कंवीनर बहादुर सिंह हाड़ा, बोरखेड़ा साधनाश्रम के प्रधान संचालक यज्ञदत्त हाड़ा, विट्ठल सनाढ्य, पर्यावरण परिषद की गीता दाधीच, मुकुंदरा पर्यावरण समिति के तपेश्वर सिंह, केईएसएस के सचिव विनीत महोबिया, मुकेश सुमन, सरिता ब्रह्मभट्ट, चम्बल रेस्क्यू फोर्स के बनवारी यदुवंशी आदि ने कहा कि राजस्थान सरकार को पर्यावरणविरोधी गतिविधियों को रोकना चाहिए।

हाड़ौती नेचुरलिस्ट्स सोसायटी के एएच जैदी एव आरएस तोमर आदि ने भी प्रदर्शन को आपना समर्थन दिया है। विधायक भरत सिंह को आंदोलन करना पड़ रहा है, जो कि खुद सत्ता पक्ष से हैं। यज्ञदत्त हाड़ा ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त राजस्थान के लिए हम लोग भरत सिंह के पक्ष में खड़े रहेंगे।

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पर्यावरणविदों और आध्यात्मिक लोगों ने कहा कि काले हिरणों और गोडावण के लिए प्रसिद्ध सोरसन का ब्रह्माणी माता जी प्रसिद्ध स्थल है, जिनका पर्यावरण और आध्यात्म की दृष्टि से बड़ा महत्व है।

उन्होंने कहा कि आध्यात्म और पर्यावरण का गहरा संबंध है। ये सब एक दूसरे के पूरक है। उन्होंने घास के मैदानों और नम भूमि की जैव विविधता को नष्ट करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की मांग की है। जंगल और वन्यजीवों को बचाने के लिए ग्रामीणों को संगठित होने की जरूरत है।

वन और वन्यजीव रहेंगे तभी हमारा जीवन बचेगा। उन्होंने राज्य पक्षी गोडावण के प्रजनन के लिए सोरसन को बेहतर जंगल बताया। उन्होंने कहा जंगली जीवों को बचाने के लिए महिलाओं और पुरुषों को शिकारियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट होना होगा।