गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार का स्टॉक सीमा लगाने का विचार

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नयी दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में गेहूं का पर्याप्त भंडार है और जरूरत पड़ने पर वह जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी ताकि घरेलू आपूर्ति को बढ़ाया जा सके। केंद्र व्यापारियों द्वारा गेहूं के स्टॉक का खुलासा करने और घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्टॉक सीमा लगाने जैसे कदमों पर विचार कर सकता है।

रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की 82वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि देश में गेहूं की कोई समस्या नहीं है और केंद्र के पास सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में 2.4 करोड़ टन गेहूं उपलब्ध है।

सचिव ने कहा कि ‘सट्टेबाजी’ के कारण गेहूं की कीमतों में तेजी आई है। पांडेय ने कहा कि फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) के रबी सत्र में सरकार का गेहूं उत्पादन अनुमान लगभग 10.5 करोड़ टन है, जबकि व्यापार जगत का अनुमान 9.5-9.8 करोड़ टन का ही है।

पांडेय ने कहा, व्यापार अनुमानों की मानें, तो भी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन पर्याप्त है। देश ने चालू वित्त वर्ष में अबतक 45 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है। उसमें से 21 लाख टन गेहूं 13 मई को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पहले भेज दिया गया था। भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 72 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था।

पांडेय ने कहा, ‘‘देश में गेहूं की उपलब्धता की कोई समस्या नहीं है। घरेलू आवश्यकता के लिए हमें जितनी मात्रा की जरूरत है, वह देश में उपलब्ध है।’’ उन्होंने कहा कि बाजार में पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, ‘’सट्टा कारोबार की वजह से कीमतों पर असर पड़ा है।’’

पांडेय ने बताया कि गेहूं बाजार में धीरे-धीरे आ रहा है क्योंकि सटोरियों ने कीमतों में वृद्धि की संभावना में जमाखोरी की है। उन्होंने कहा, ‘’हमारे गेहूं के स्टॉक की स्थिति संतोषजनक है। केंद्रीय पूल में हमारे पास 2.4 करोड़ टन गेहूं है।’ सरकार आगामी रबी सत्र में गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के प्रयास कर रही है।

पांडेय ने कहा, ‘‘देश में पर्याप्त गेहूं उपलब्ध है। अगर जरूरत पड़ी तो हम अनाज को बाजार में लाने के लिए कदम उठाएंगे।’’ जमाखोरी और कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए सचिव ने कहा कि स्टॉक सीमा लागू करने से पहले व्यापारियों द्वारा गेहूं के स्टॉक का खुलासा करना पहला चरण हो सकता है।

पंजाब और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों में गर्मी के कारण भारत का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 में घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 10 करोड़ 96 लाख टन था।

विपणन वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में सरकार की गेहूं खरीद पिछले वर्ष के 4.3 करोड़ टन की तुलना में लगभग घटकर 1.9 करोड़ टन रह गई। इस स्थिति ने केंद्र को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और राशन की दुकानों के माध्यम से गेहूं के बजाय अधिक चावल की आपूर्ति करने के लिए मजबूर किया।