मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को बिकवाली के दबाव में लगातार दूसरे दिन भी गिरावट का सिलसिला कायम रहा और बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 413 अंक टूटकर 60,000 अंक से नीचे आ गया।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका के बीच सूचना प्रौद्योगिकी और दवा कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में मजबूती के साथ खुला और 60,676.12 अंक तक गया।
हालांकि, शुरुआती बढ़त गंवाने के बाद यह 412.96 अंक या 0.68 प्रतिशत लुढ़ककर 59,934.01 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 126.35 अंक यानी 0.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,877.40 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा के शेयर में सबसे अधिक 3.13 प्रतिशत की गिरावट हुई। इन्फोसिस, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक और इंडसइंड बैंक के शेयर भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ मारुति, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर बढ़त में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आईटी और फार्मा शेयरों में बिकवाली से वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख को दरकिनार करते हुए घरेलू बाजारों ने अपने शुरुआती लाभ को गंवा दिया। वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप ने बेहतर प्रदर्शन किया।’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका के कारण सूचना प्रौद्योगिकी और दवा कंपनियों के शेयरों में बिकवाली हुई जिससे बाजार नीचे आया।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘बाजार के सभी क्षेत्रों में मिलाजुला असर देखा गया। एक तरफ वाहन और ऊर्जा कंपनियों के शेयरों में वृद्धि हुई जबकि सूचना प्रौद्योगिकी तथा स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियों के शेयर नीचे आए।’’ इसके अलावा व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 0.31 प्रतिशत चढ़ गया तथा स्मॉलकैप में भी 0.06 प्रतिशत की मामूली बढ़त रही।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे। वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को मजबूती के साथ बंद हुए। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 1,397.51 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।