नई दिल्ली। वैश्विक बाजार में भारतीय चीनी की मांग (Indian Sugar in demand) में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे चीनी का निर्यात बढ़कर ढाई गुना हो गया है। इसे देखते हुए चालू चीनी वर्ष (अक्टूबर, 2021- सितंबर, 2022) में रिकार्ड चीनी निर्यात का अनुमान है। बीते अक्टूबर से इस वर्ष फरवरी तक कुल 47 लाख टन चीनी का निर्यात और 65 लाख टन चीनी का कांट्रैक्ट हो चुका है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में कुल 17.75 लाख टन चीनी का ही निर्यात हो सका था। इस्मा के अनुसार इस बार निर्यात का आंकड़ा 75 लाख टन के पार भी जा सकता है।
चालू पेराई सीजन में 15 मार्च तक कुल 2.83 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जो पिछले साल इसी अवधि में हुए 2.59 करोड़ टन उत्पादन के मुकाबले नौ प्रतिशत अधिक है। चालू सीजन में चीनी की घरेलू खपत 2.72 करोड़ टन रहने की उम्मीद है। जबकि कुल उत्पादन 3.33 करोड़ टन रहेगा। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के आंकड़ों के अनुसार वैश्विक बाजार में चीनी की कम आपूर्ति की वजह से निर्यात मांग बढ़ी है।
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय संकट के चलते पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य में भारी वृद्धि हुई है, जिसके चलते गन्ना उत्पादक देशों में गन्ने से वैकल्पिक ईधन एथनाल का उत्पादन बढ़ा दिया गया है। घरेलू चीनी मिलों के पास चीनी का पर्याप्त स्टाक पड़ा हुआ है, जिसे वह निर्यात बढ़ाकर खाली करना चाहते हैं। मार्च के आखिर तक कुल 55 लाख टन चीनी निर्यात हो जाने की उम्मीद है। एथनाल उत्पादक कंपनियां 13 मार्च, 2022 तक 113.17 करोड़ लीटर एथनाल की आपूर्ति कर चुकी हैं। इसमें कुल 86 प्रतिशत एथनाल का उत्पादन सीधे गन्ने के रस से किया गया है। इस्मा के अनुसार बीते दिसंबर से मार्च के मध्य तक पेट्रोल में 9.45 प्रतिशत एथनाल का मिश्रण किया जाने लगा है।