28 बैंक को 22,842 करोड़ का चूना लगाने वाले आरोपी फरार, CBI ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया

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नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा बैंकिंग लोन स्कैम के आरोपी FIR दर्ज होने के बाद फरार हो गए हैं। CBI ने 28 बैंक से 22,842 करोड़ रुपए को लोन लेने वाली कंपनी ABG शिपयार्ड के बॉस और सीनियर एग्जीक्यूटिव के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। लुकआउट सर्कुलर किसी आरोपी को एयरपोर्ट और अन्य तरीकों से देश की सीमा से बाहर जाने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शिकायत पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की तरफ से दर्ज FIR में ABG शिपयार्ड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल, तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों- अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया सहित 8 लोगों के नाम हैं। इनके खिलाफ कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है।

बता दें कि ABG शिपयार्ड कंपनी जहाज के निर्माण और मरम्मत का काम करती है। इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं। FIR के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक का है। इस घोटाले को बैंकिंग फ्रॉड में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा सकता है, क्योंकि यह नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है।

98 कंपनियों को डायवर्ट किया गया फंड
CBI सूत्रों के मुताबिक, ABG शिपयार्ड की तरफ से लिया गया लोन आरोपियों ने कम से कम 98 कंपनियों में डायवर्ट किया है। 28 बैंकों के समूह से लिया गया यह लोन कंपनी की तरफ से किश्तें नहीं चुकाने के कारण नवंबर, 2013 में NPA घोषित कर दिया गया था। कंपनी को दोबारा संचालित करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन कोई भी सफल नहीं रहा है।

मोदी, चौकसी और माल्या के मामले से सबक लेकर जारी किया सर्कुलर
ABG शिपयार्ड मामले में FIR दर्ज होते ही लुकआउट सर्कुलर जारी करने का काम देश में इससे पहले सामने आए हाईप्रोफाइल घोटालों से सबक लेकर किया गया है। बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड के आरोपी नीरव मोदी व उसका मामा मेहुल चौकसी और बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस का बॉस विजय माल्या जांच शुरू होने पर विदेश भाग गए थे। इनके प्रत्यर्पण की कोशिशें फिलहाल चल रही हैं।

सबसे ज्यादा ICICI बैंक के 7,089 करोड़ रुपए
SBI के DGM की शिकायत के मुताबिक कंपनी के पास ICICI बैंक के 7,089 करोड़ रुपए, IDBI बैंक के 3,634 करोड़ रुपए, SBI को 2,468 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा के 1,614 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक के 1,244 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक के 1,228 करोड़ रुपए और LIC को 136 करोड़ रुपए का नुकसान शामिल है।

CBI की FIR के मुताबिक फ्रॉड करने वाली दो प्रमुख कंपनियों के नाम ABG शिपयार्ड और ABG इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड हैं। दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप की हैं। आरोप है कि बैंकों से फ्रॉड किए गए पैसे को विदेशों में भी भेजा गया और काफी प्रॉपर्टी खरीदी गईं। तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर पैसा एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजा गया।

SBI ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर CBI ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई। डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद, CBI ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की।

कंपनी ने 2,468.51 करोड़ रुपए लोन लिए
कंपनी को SBI के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2,468.51 करोड़ रुपए के लोन की मंजूरी दी थी। ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें पैसे का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है।