Tuesday, October 8, 2024
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इस बार 25 फीसदी ज्यादा आईटी रिटर्न फाइल

अडवांस टैक्स कलेक्शन (व्यक्तिगत इनकम टैक्स) में 41.79 फीसदी का इजाफा हुआ है

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016-17 में 2.82 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है। टैक्स डिपार्टमेंट ने सोमवार को बताया कि नोटबंदी के बाद रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘नोटबंदी और ऑपरेशन क्लीन मनी का नतीजा है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में काफी वृद्धि हुई है।’व्यक्तिगत आईटीआर फाइलिंग में 25.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 5 अगस्त तक 2.79 करोड़ रिटर्न्स प्राप्त किए गए, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह संख्या 2.2 करोड़ थी।

इस साल बढ़ाई गई डेडलाइन खत्म होने तक 2.82 करोड़ से अधिक रिटर्न्स फाइल हुए, जबकि पिछली बार यह आंकड़ा 2.26 करोड़ था। इसमें 24.7 फीसदी का इजाफा हुआ है।

पिछले साल वृद्धि दर 9.9 फीसदी थी। व्यक्तिगत और एचयूएफ (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) के लिए इनकम टैक्स फाइल करने की आखिरी तारिख 5 अगस्त थी।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि आईटीआर में इस इजाफे से पता चलता है कि नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में लोगों को टैक्स के दायरे में लाया जा सका है।

नोटबंदी का असर डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में भी देखा जा सकता है। 5 अगस्त तक के आंकड़े बताते हैं कि अडवांस टैक्स कलेक्शन (व्यक्तिगत इनकम टैक्स) में 41.79 फीसदी का इजाफा हुआ है।

सेंसेक्स 51 अंक गिरकर 32273 के स्तर पर बंद

नई दिल्ली । सोमवार के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार सीमित दायरे में कारोबार कर हल्की गिरावट के साथ बंद हुए। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 51 अंक गिरकर 32273 के स्तर पर और निफ्टी 9 अंक की मामूली कमजोरी के साथ 10057 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 1.12 फीसद और स्मॉलकैप में 1.52 फीसद की बढ़त देैखने को मिली है।

सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो आईटी और फार्मा शेयर्स में गिरावट देखने को मिली है। वहीं, बैंक (0.32 फीसद), ऑटो (0.19 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.61 फीसद), एफएमसीजी (0.22 फीसद), मेटल (1,18 फीसद) और रियल्टी (1.55 फीसद) की बढ़त के साथ कारोबार कर बंद हुआ है।

दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 19 हरे निशान में और 32 गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी टाटा स्टील, आईओसी, एसबीआईएन, अदानीपोर्ट्स और बीपीसीएल के शेयर्स में हुई है। वहीं, गिरावट इंफ्राटेल, टाटा मोटर डीवीआर, इंफोसिस, एनटीपीसी और डॉ रेड्डी के शेयर्स में हुई है।

जीएसटी उपकर बढ़ाकर किया 25%, एसयूवी, लक्जरी कारें होंगी महंगी

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नयी दिल्ली। एसयूवी, मध्यम आकार की व बड़ी एवं लक्जरी कारें अब और महंगी हो जाएंगी क्योंकि जीएसटी परिषद ने इन पर उपकर की दर को मौजूदा 15% से बढ़ाकर 25% करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि माल एवं सेवाकर जीएसटी के लागू होने के बाद इनकी कीमतें कम हो गईं थी।

जीएसटी के तहत कारों को उच्चतम दर 28% कर की श्रेणी में रखा गया है। इस वर्ग में वस्तुओं वे सेवाओं पर 1-15% तक का उपकर भी लगाया गया है ताकि उससे प्राप्त आय के जरिए जीएसटी में राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी के बाद कारों पर कुल कर जीएसटी और उपकर मिलाकर जीएसटी से पहले वाली व्यवस्था के मुकाबले शुल्क कम हो गया था।

बयान में कहा गया है, जीएसटी परिषद ने 5 अगस्त को हुई अपनी 20वीं बैठक में इस मसले विचार किया और केंद्र सरकार से सिफारिश की कि वह 8702 और 8703 शीर्षक के तहत आने वाले मोटर वाहनों पर अधिकतम उपकर मौजूदा 15% से बढ़ाकर 25% करने के लिए विधायी संशोधन करने का प्रस्ताव रख सकती है।

बढ़ा हुआ उपकर कब से प्रभावी होगा
बढ़ा हुआ उपकर कब से प्रभावी होगा , इसका फैसला कॉउन्सिल बाद में करेगी। उपकर में बढ़ोतरी के लिए जीएसटी राज्यों को राजस्व नुकसान पर मुआवजा अधिनियम-2017 के धारा-8 में संशोधन की जरूरत होगी।

8702 और 8703 शीर्षकों के तहत आने वाले मोटर वाहनों में मध्यम श्रेणी, बड़ी कार, एसयूवी और 10 से ज्यादा लेकिन 13 से कम लोगों के बैठाने की क्षमता वाले वाहन और 1500 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाले हाइब्रिड वाहन तथा 1500 सीसी से कम इंजन के मध्यम दर्जे की हाइब्रिड कारें आती हैं।

जीएसटी फिटमेंट समिति ने अपनी 25 जुलाई की बैठक में पाया कि इन कारों पर कुल कर जीएसटी से पहले की व्यवस्था की तुलना में कम हो गया है।

 

फ्रिज, एसी या कार वाले कल्याणकारी योजनाओं से होंगे बाहर

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नई दिल्ली। सरकार शहरी क्षेत्र के परिवारों की आर्थिक स्थिति का आकलन करेगी, ताकि पता चल सके कि किसी परिवार को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने की जरूरत है भी या नहीं? सरकार के इस फैसले से अंदाजन 10 में से छह परिवार सरकार के राडार पर आ सकते हैं।

नए गुणा-गणित के मुताबिक शहरी क्षेत्र में जिन परिवारों को पास चार रूम का फ्लैट या चारपहिया वाहन या एयर कंडिशनर हैं, वो कल्याणकारी योजनाओं के लाभुकों की लिस्ट से स्वतः निकल जाएंगे।

सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को लागू करने के लिए बनी बिबेक देबरॉय कमिटी के सुझाव के मुताबिक, जिन परिवारों के पास रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और दोपहिया वाहन- तीनों हैं, वो भी इस लिस्ट से खुद-ब-खुद हट जाएंगे।

रिपोर्ट में उन परिवारों का भी जिक्र है जो स्वतः इस लिस्ट में शामिल हो जाएंगे। इसके लिए परिवारों के आवास, पेशा और सामाजिक स्थिति को आधार बनाया जाएगा।

जो परिवार बेघर है या जो पॉलिथिन के घेरे या पॉलिथिन की छत के नीचे जीवन गुजार रहा है, जिस परिवार की आमदनी का कोई स्थाई जरिया नहीं है या जिस परिवार में कमाने की उम्र के पुरुष सदस्य नहीं हैं या जिस परिवार का मुखिया कोई बच्चा है, उन्हें कल्याणकारी योजनाओं की लिस्ट में स्वतः जोड़ दिया जाएगा।

एयरटेल देगा 1000जीबी तक बोनस डाटा

दिल्ली। एक तरफ रिलायंस जियो ने खुद के ब्रॉडबैंड सेग्मेंट में ऐंट्री का ऐलान किया है वहीं दूसरी तरफ अन्य टेलिकॉम कंपनियां भी जियो को टक्कर देने का प्लान बना रही हैं। इस लड़ाई में चाहे एयरटेल हो या वोडाफोन हर कोई रोज नए प्लान लॉन्च करता जा रहा है।

एयरटेल ने ब्रॉडबैंड यूजर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है। एयरटेल के लए बोनस डाटा पैक में यह ऑफर 1000 जीबी तक जा सकता है।  अभी एयरटेल का सबसे सस्ता प्लान 899 रुपये का है जिसमें कस्टमर को हर महीने 60 जीबी डेटा मिलेगा और एक साल के लिए 500 जीबी डेटा अलग से दिया जाएगा।

इस स्पेशल प्लान में इंटरनेट या डाटा स्पीड 40 एमबीपीएस तक हो सकती है। इसके अतिरिक्त एक अन्य प्लान 1099 रुपये का है, इस प्लान में भी नेट स्पीड 40 एमबीपीएस तक रह सकता है। इसमें यूजर्स को हर महीने 100 जीबी डाटा मिलेगा, साथ ही एक साल के लिए 1000 जीबी बोनस डाटा की सुविधा भी दी जाएगी।  

मर्सिडीज़ की दो कारें 21 अगस्त को होंगी लॉन्च

नई दिल्ली। मर्सिडीज़-एएमजी रेंज में जल्द ही दो नई टू-सीटर स्पोर्ट्स कारों के नाम जुड़ने वाले हैं, इन में पहली जीटी रोडस्टार और दूसरी जीटी आर है। इन दोनों कारों को 21 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा। इन दोनों कारों के इंजन, परफॉर्मेंस और कीमत से जुड़ी जानकारी इस प्रकार है 

मर्सिडीज़-एएमजी जीटी आर
यह स्टैंडर्ड मर्सिडीज़-एएमजी जीटी का हार्डकोर वर्जन है। इस में 4.0 लीटर का ट्विन-टर्बो वी8 पेट्रोल इंजन मिलेगा, जो 585 पीएस की पावर और 700 एनएम का टॉर्क देगा। यह इंजन 7-स्पीड ड्यूल-क्लच गियरबॉक्स से जुड़ा होगा, जो पिछले पहियों पर पावर सप्लाई करेगा।

इसकी टॉप स्पीड 318 किमी प्रति घंटा होगी, 100 की रफ्तार पाने में इसे 3.6 सेकंड का समय लगेगा। संभावना है कि इसकी कीमत करीब 3 करोड़ रूपए के आसपास होगी। इसका मुकाबला लैम्बोर्गिनी हुराकेन एलपी 580-2 और फेरारी 488 जीटीबी से होगा।

मर्सिडीज़-एएमजी जीटी रोडस्टर
जीटी रोडस्टर को स्टैंडर्ड जीटी पर तैयार किया गया है, इस में भी 4.0 लीटर का वी8 इंजन मिलेगा, लेकिन यह जीटी आर जितनी पावरफुल नहीं होगी। इस में 476 पीएस की पावर और 630 एनएम का टॉर्क मिलेगा। यह इंजन 7-स्पीड ड्यूल-क्लच गियरबॉक्स से जुड़ा होगा, जो पिछले पहियों पर पावर सप्लाई करेगा।

इसकी टॉप स्पीड 302 किमी प्रति घंटा होगी, 100 की रफ्तार पाने में इसे 4.0 सेकंड का समय लगेगा। इसकी कीमत करीब 2.7 करोड़ रूपए के आसपास होगी। इसका मुकाबला लैम्बोर्गिनी हुराकेन आरडब्ल्यूडी स्पाइडर और फेरारी कैलिफोर्निया टी से होगा।

हमें दूसरों के नहीं, अपने बनाए रास्तों पर चलना चाहिए -सुष्मिता

जयपुर । अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने कहा कि जो चीज किताबों से नहीं सीखी जा सकती वह जीवन के अनुभवों से कभी भी सीखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसी और के बनाए हुए रास्तों पर चलने के बजाय सफल होने के लिए हमें अपने बनाए रास्तों पर चलना चाहिए। 

अभिनेत्री सुष्मिता सेन फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन के दूसरे दिन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के साथ ‘अप क्लोज एण्ड पर्सनल’ सत्र में सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दिमाग का सही इस्तेमाल कर हम शिक्षा का जीवन में सही उपयोग कर सकते हैं।

उन्होंने प्रयास करते रहने पर जोर देते हुए कहा कि जो चीज किसी एक व्यक्ति के लिए असम्भव है, जरूरी नहीं कि वह सभी के लिए असम्भव हो।  मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि जीवन में दिल से पूरे प्रयास किए बिना पूरी सफलता नहीं मिलती और आसानी से मिली सफलता का जीवन में अधिक महत्व नहीं होता।

राजस्थान बनेगा हायर एजुकेशन हब

जयपुर। मुख्यमंत्री  वसुंधरा राजे की पहल पर देश में पहली बार आयोजित हुए दो दिवसीय फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन से राजस्थान को शिक्षा क्षेत्र में बहुत सी सौगातें मिली है।  फेस्टिवल में आये ब्रिटिश कौंसिल के प्रतिनिधियों ने राज्य के शैक्षिक विकास में सहयोग देने की बात कही।

फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन से राजस्थान को शिक्षा क्षेत्र में मिली बहुत सी सौगातें

ब्रिटिश कौंसिल राजस्थान को हायर एजुकेशन  हब के रूप में स्थापित करने में साझेदारी करेगी। ब्रिटिश कौंसिल राजस्थान में इंग्लिश स्पोकन में सहयोग के लिए भी कार्य करेगी।

इस फेस्टिवल में सम्मिलत होने आये श्री भरत ठाकुर ने जहां राजस्थान में योग विश्वविद्यालय की स्थापना में सहयोग देने की मंशा जताई है,

इस उत्सव से ही राज्य में पहली शंकर महादेवन म्यूजिक अकादमी की स्थापना की भी राह खुली है। यूएई के संस्कृति एवं ज्ञान विकास मंत्रालय से राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में बहुत से स्तरों पर साझेदारी और सहयोग पर भी फेस्टिवल में सहमति बनी है। इसके अलावा अक्षय कुमार ने भी प्रदेश में विद्यालयों में हाइजीन और सेनिटेशन के लिए सहयोग करने का विश्वास दिलाया है।

तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत साउथर्न यूनिवर्सिटी, यूके ने राजस्थान के रिमोट क्षेत्रों में वाई फाई की सुविधा प्रदान करने और कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करने को भी कहा है। फेस्टिवल में लांच किये गए ज्ञान संकल्प पोर्टल और मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में 5 करोड़ की राशि का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ है।

आगामी फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन उदयपुर में
आगामी फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन अगले वर्ष 2018 में उदयपुर में आयोजित किया जायेगा। शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन के विभिन्न सत्रों में हुये संवाद में अन्य देशों से आये प्रतिभागियों जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों एवं गणमान्य जनों का आभार जताते हुए कहा कि इस उत्सव के दूरगामी परिणाम आयेंगे। 

 

किडनी, दिल, कैंसर व हड्डी रोगों का इलाज महंगा

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नई दिल्ली। एक जुलाई से लागू वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की मार से बीमार भी नहीं बच पाएंगे। अब डायलिसिस कराना, पेसमैकर लगवाना और हड्डी व कैंसर के इलाज में काम आने वाले उपकरणों पर टैक्स की दर बढ़ गई है।

ऐसे में किडनी (गुर्दे), दिल, कैंसर व हड्डी रोगों के मरीजों को ज्यादा खर्च करना होगा। इसकी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट से ही मिली है। मंत्रालय ने इन रोगों के इलाज में सहायक उपकरणों पर लागू कर की नई दरें उजागर की हैं।

जीवनरक्षक दवाएं करमुक्त : स्वास्थ्य मंत्रालय की जीएसटी इकाई ने स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी के असर को लेकर पिछले कई दिनों से उठ रहे सवालों का जवाब दिया है।

अधिकारियों के मुताबिक, डायग्नोस्टिक किट (बीमारियों की जांच व उनके उपचार में लगने वाले उपकरण) को जीएसटी के तरह 28 प्रतिशत के कर दायरे में रखा गया है, लिहाजा सभी तरह के डायग्नोसिस भी महंगे हो जाएंगे।

इसका असर निश्चित तौर पर बीमारों पर ही पड़ेगा। हालांकि, इसमें हेपाटाइटिस डायग्नोसिस किट और रेडियोलॉजी मशीनें शामिल नहीं हैं।

हालांकि, एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जीवनरक्षक दवाएं, हेल्थकेयर सेवाएं व मेडिकल उपकरण जीएसटी के तहत करमुक्त बने रहेंगे।

उपकरणों पर कितने फीसद बढ़ा टैक्स रोग पुरानी दर नई दर डायलिसिस 5 12 पेसमैकर 5.5 12-18 आर्थोपेडिक्स 5 12 कैंसर 5 7-12 (ब्लड कैंसर को छोड़कर)

मेडिकल टूरिज्म को राहत : जीएसटी के बाद दूसरे देशों से इलाज के लिए भारत आने वालों को थोड़ी राहत मिलेगी। उनका बीमा, फार्मास्यूटिकल्स व यात्रा का खर्च कम हो गया है। इससे देश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

वस्तुओं की आपूर्ति पर असर नहीं, कीमतों पर रखी जा रही नजर
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह जीएसटी लागू होने के बाद से आटे से लेकर चाय पत्ती तक 25 से 30 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर प्रतिदिन नजर रख रही है। आपूर्ति की स्थिति भी सामान्य बनी हुई है।

केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की चेयरपर्सन वनजा सरना ने बताया कि कीमतों में किसी भी असामान्य उतार-चढ़ाव को तत्काल काबू में करने के प्रति सरकार सजग है।

जीएसटी लागू होने के बाद से कीमतें करीब-करीब नियंत्रण में बनी हुई हैं। आपूर्ति की भी कोई बड़ी अव्यवस्था नहीं देखी गई। जीएसटी में सेंट्रल एक्साइज से लेकर सर्विस टैक्स व वैट तक कुल 17 तरह के कर खत्म समाहित हो गए हैं।

सरना ने बताया कि पिछले 30 दिनों में कीमतों व आपूर्ति की रोजाना रिपोर्ट तैयार की गई है। एक भी दिन कोई अनुचित चीज सामने नहीं आई। इन पर निगरानी के लिए कैबिनेट सचिव ने 200 अफसरों की टीम बनाई थी। प्रत्येक अफसर को 3-4 जिले सौंपे गए थे।