नई दिल्ली। सरकार शहरी क्षेत्र के परिवारों की आर्थिक स्थिति का आकलन करेगी, ताकि पता चल सके कि किसी परिवार को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने की जरूरत है भी या नहीं? सरकार के इस फैसले से अंदाजन 10 में से छह परिवार सरकार के राडार पर आ सकते हैं।
नए गुणा-गणित के मुताबिक शहरी क्षेत्र में जिन परिवारों को पास चार रूम का फ्लैट या चारपहिया वाहन या एयर कंडिशनर हैं, वो कल्याणकारी योजनाओं के लाभुकों की लिस्ट से स्वतः निकल जाएंगे।
सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को लागू करने के लिए बनी बिबेक देबरॉय कमिटी के सुझाव के मुताबिक, जिन परिवारों के पास रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और दोपहिया वाहन- तीनों हैं, वो भी इस लिस्ट से खुद-ब-खुद हट जाएंगे।
रिपोर्ट में उन परिवारों का भी जिक्र है जो स्वतः इस लिस्ट में शामिल हो जाएंगे। इसके लिए परिवारों के आवास, पेशा और सामाजिक स्थिति को आधार बनाया जाएगा।
जो परिवार बेघर है या जो पॉलिथिन के घेरे या पॉलिथिन की छत के नीचे जीवन गुजार रहा है, जिस परिवार की आमदनी का कोई स्थाई जरिया नहीं है या जिस परिवार में कमाने की उम्र के पुरुष सदस्य नहीं हैं या जिस परिवार का मुखिया कोई बच्चा है, उन्हें कल्याणकारी योजनाओं की लिस्ट में स्वतः जोड़ दिया जाएगा।