12 राज्यों में PFI के ठिकानों पर NIA और ED की छापेमारी, 106 लोग गिरफ्तार

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नई दिल्ली। आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का अबतक का सबसे बड़ा रेड देश के कई हिस्सों में जारी है। एनआईए PFI के केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम समेत कुल 12 राज्यों में आज छापेमारी की गई है। उधर, ईडी भी ने पीएफआई के कई ठिकानों पर रेड किया है। जांच एजेंसियों ने इस मामले में पीएफआई से जुड़े 106 लोगों को गिरफ्तार किया है।

12 राज्यों मे NIA की छापेमारी: केंद्रीय जांच एजेंसी NIA और ईडी की तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, असम, बिहार, नई दिल्ली समेत 12 राज्यों में छापेमारी चल रही है। महाराष्ट्र में भी PFI से जुड़े 100 ठिकानों पर NIA की रेड चल रही है। मध्य प्रदेश के इंदौर में भी PFI के दफ्तर पर छापा चल रहा है। बिहार के पूर्णिया में भी रेड चल रहा है।मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन में पीएफआई के एमपी के स्टेट लीडर्स को हिरासत में लिया गया। 4 लीडर्स को मध्यप्रदेश के उज्जैन और इंदौर से एनआईए ने हिरासत में लिया। सूत्रों के मुताबिक, टेरर फंडिंग मामले को लेकर ये छापेमारी की गई है। मध्यप्रदेश के ठिकानों से टेरर फंडिंग जुड़े लेनदेन और साहित्य बरामद हुए हैं।

तेलंगाना में PFI का ऑफिस सील:एनआईए ने तेलंगाना के हैदराबाद और चंद्रयानगुट्टा में PFI के ऑफिस को सील कर दिया गया है। उधर तमिलनाडु में एनआईए और ईडी ने पीएफआई के ऑफिस को सील कर दिया है। उधर, इस छापेमारी के विरोध में PFI के कार्यकर्ता चेन्नै में विरोध कर रहे हैं।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया क्या है: पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत ने तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है।

देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।

यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।