सर्वजातीय निशुल्क विवाह सम्मेलन में दिव्यांग समेत 48 जोड़े बने हमसफर

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सर्वजातीय विवाह सम्मेलन समरसता की अनूठी मिसाल है : राजेश कृष्ण बिरला

कोटा। सुभाष चन्द्र बोस चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा सर्वजातीय विवाह सम्मेलन के आयोजन सुबह गुरुवार दशहरा मैदान में आयोजित किया गया। विवाह सम्मेलन में 48 जोड़े हम सफर बने। ट्रस्ट के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तलवार ने बताया कि कार्यक्रम प्रात: 10 बजे गणेश स्थापना के साथ आरंभ हुआ। हिन्दु-रीति रिवाज से विवाह के मांगलिक कार्य पूर्ण किए गए। विधिवत शुभ समय पर निकासी निकाल कर, तोरण कर 48 जोड़ों का सामूहिक वरमाला पहनाई गई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि इण्डियन रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला रहे। विशिष्ट अतिथि डॉ.अमिता बिरला, भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश जैन, कोटा सरस डेयरी के चैयरमेन चैन सिंह राठौड़, संत प्रभाकर साहेब कबीर आश्रम, गोविंद सिंह, संजय शर्मा पूर्व पार्षद, विक्रम सिंह छीपाबड़ौद व गूगल गर्ल तेजस्वनी गुर्जर सहित कई गणमान्य लोग साक्षी बने और वर वधु को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में सत्यनारायण विजयवर्गीय, मांगीलाल नागर, देवेंद्र राही देबु, दीपांशु माथुर, गोरज सोनी सहित कई लोगों ने सामूहिक विवाह सम्मेलन को सफल बनाने की जिम्मेदारी निभाई। प्रीति नयन गांधी ने मंच का संचालन किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस चैरिटेबल ट्रस्ट सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण का ध्येय आज सार्थक हो गया। उन्होंने कहा कि सर्वजातीय विवाह सम्मेलन समरसता की अनूठी मिसाल है। कमजोर से कमजोर व्यक्ति को ढूंढकर विवाह किया गया है, वहीं उन्होंने कहा कि बिना किसी के सहयोग से यह कार्य पूर्ण करना अपने आप में काबिले तारीफ है।

राकेश जैन ने कहा कि अपने माता पिता की सेवा करें। उन्होंने कहा कि वह विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से नव दम्पत्तियों को सहयोग पहुचायेंगे। इस सर्वजातीय विवाह से समरसता का भाव आता है। हमारी संस्कृति और संस्कार पुनर्जीवित हो रहे हैं। संस्कारों की नई नींव रखी जा रही है, जिसका श्रेय सुभाष चन्द्र बोस चैरिटेबल ट्रस्ट को जाता है।

48 जोड़े बने हमसफर
ट्रस्टी कुलदीप तलवार ने बताया कि गुरुवार को 48 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। जिसमे एक जोड़ा सुनने व बोलने में असमर्थ है। दिव्यांग जोड़ों ने एक दूसरे का हाथ थाम कर सहारा बनने का प्रण किया है। नवदंपतियों में 10 जोडे ऐसे थे, जिनके माता-पिता कोराना के शिकार होकर दिवंगत हो गए थे। हाड़ौती भर से विवाह के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, उनमें से निर्धन व जरूरतमंद परिवारों का चयन कर 46 जोडो का गुरूवार को पाणिग्रहण संस्कार पूरा कराया गया है। इस सम्मेलन में ब्राह्मण, जाटव, यादव, बैरवा, महावर, माली, सैनी, मीणा सहित कई जातियों के युवक-युवतियों का सामूहिक विवाह हुआ है।

जीवन भर का साथ और मतदान का संकल्प
ट्रस्टी कुलदीप तलवार ने बताया कि कि नव विवाहित जोडों ने अपने नए जीवन की शुरुआत करते हुए अपने जीवन साथी का जीवन भर साथ निभाने की कसम के साथ राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए मतदान का संकल्प लिया। राजेश कृष्ण बिरला ने उन्हें शपथ दिलाई।