विरासत संरक्षण में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित हो: डॉ. सिंघल

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विश्व विरासत दिवस पर व्याख्यान

कोटा। विश्व विरासत दिवस पर राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा एवं संस्कृति, साहित्य और मीडिया फोरम के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को व्याख्यानमाला और प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया।

मुख्य वक्ता के रूप में पर्यटन लेखक एवं संस्कृति, साहित्य और मीडिया फोरम के संयोजक डॉ.प्रभात कुमार सिंघल ने कहा की धरोहर की सुरक्षा और संरक्षण में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। विरासत संरक्षण के लिए सर्वे कर ब्लू प्रिंट तैयार कर तात्कालिक और दीर्घकालिक योजना बनाने और सुरक्षा के लिए पंचायत और नगरपालिका स्तर पर सुरक्षा समितियां बनाये जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने अपने व्याख्यान में हाड़ोती की धरोहर देखने पर बल देते हुए कहा कि राज्य के पुरातत्व विभाग द्वारा 55 धरोहरों को संरक्षित किया गया है। विद्यार्थियों को भारत की विश्व धरोहर की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भारत की 40 और इनमे राजस्थान की 9 धरोहरों को शामिल किया गया है।

संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ.दीपक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जो बीत गया, जितना क्षरण हो चुका, उसकी भरपाई तो संभव नहीं, पर जो कुछ बचा है, उसी को बचाने और संरक्षित रखने पर आज के दिन विचार हो तो यही इस दिवस की सार्थकता हो सकती है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1982 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ माउंटेस एंड साईट (ईकोमार्क) नामक संस्था ने टयूनिशिया में अन्तर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल दिवस का आयोजन किया था। इसी सम्मेलन में सर्वसम्मति से निर्णय लेकर विश्व में प्रतिवर्ष ऐसी संरक्षित धरोहर के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए 18 अप्रेल को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत दिवस आयोजित करने की घोषणा की गई।

पूर्व पुस्तकालयाध्यक्ष कमलाकांत शर्मा ने कहा कि देश की आध्यात्मिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने हाड़ोती के संदर्भ में जर्जर हो रही धरोहर को बचाने की आवश्कता बताई।