श्री पिप्पलेश्वर महादेव मंदिर में सहस्त्रघट महारूद्राभिषेक व भजन संध्या का आयोजन

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कोटा। महावीर नगर तृतीय कंपीटीशन कॉलोनी स्थित श्री पिप्पलेश्वर महादेव मंदिर के षष्ठम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव (पाटोत्सव) के तहत आयोजित श्री भक्तमाल कथा की पूर्णाहूति के तहत सोमवार को महादेव का ‘सहस्त्रघट महारूद्राभिषेक’ किया गया।

वृंदावनधाम के प्रख्यात कथावाचक चिन्मयदास महाराज व साध्वी अम्बिका सहित कई संतो सानिध्य मे आचार्य त्रिलोक शर्मा द्वारा 11 विद्वान पंडितों ने सहस्त्रघट महारूद्राभिषेक सम्पन्न कराया।

पंडित ललित शास्ती व पंडित शीतल प्रसाद ने बताया कि महारूद्राभिषेक विश्व कल्याण के हितार्थ महादेव मंदिर में आयोजित किया गया। सर्वप्रथम शिवपंचायत का पूजन किया गया। फिर सभी तीरथों के जल, जटामासी, उषा, विभिन्न फलों के रस से तैयार कर सहस्त्रघट महारूद्राभिषेक किया गया।

यह संत रहे उपस्थित
सहस्त्रघट महारूद्राभिषेक में कई संतो के सानिध्य में अभिषेक पूरा किया। अध्यक्ष जोगेश्वर शर्मा ने बताया कि महंत चिन्मय दास महाराज, महंत स्वामी राम चंद्र दास महाराज, साध्वी अम्बिका ,संत बालक दास, संत बलराम दास, संत अमर दास, संत आज्ञाकारी, संत संतोष दास, संत राजेंद्र दास, संत झिरी श्यामचरणदास के सानिध्य में महारूद्राभिषेक सम्पन्न किया गया।

1008 छिद्र जलेरी से हुआ महारूद्राभिषेक
डॉ. सुनीता चौहान ने बताया कि विधिवत मंत्रोचारण के साथ सहस्त्रघट महारूद्राभिषेक कथावाचक चिन्मयदास महाराज ने प्रारंभ किया। फिर 1008 छिद्र वाली जलेरी से जलाभिषेक का शुद्ध पानी भरकर निरंतर सहस्त्र बार अभिषेक किया गया।

भजनों की बयार
इससे पूर्व भजन गायक महावीर शर्मा और गोविंद माहेश्वरी ने रसमय भजनों की सरिता पिप्पलेश्वर वाटिका में बहाई। लोग उनके भजनों पर नाचते दिखे। प्रभु आपकी कृपा से मेरा काम हो रहा है, मीरा अकेली खडी,..मुझे चंद छटा दिखला जा….प्यारी बनसी बजा जा…आ जा सांवरे…मैं गिरधर की ,गिरधर मेरे… आदि भजनो ने भक्तों को नाचने पर मजबूर कर दिया। मंदिर परिसर में राधा—कृष्ण की सुंदर झांकी सजाई गई।