संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले, शिक्षाविदों के हाथ में है भारत का भविष्य

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भागवत ने किया एलन के निदेशक डॉ.गोविंद माहेश्वरी से संवाद

कोटा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क अभियान के तहत संघ प्रमुख मोहनराव भागवत देश के विभिन्न प्रांतों में जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं। अभियान के तहत इंदौर के संघ कार्यालय में शिक्षाविदों से बातचीत की, जिसमें एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.गोविन्द माहेश्वरी भी शामिल हुए। शिक्षाविदों से करीब डेढ़ घंटे तक मोहन भागवत ने संवाद किया, जिसमें मुख्य रूप से नई पीढ़ी और युवाओं में राष्ट्र सेवा, संस्कार, समर्पण और सामाजिक दायित्व का संचार करने का संदेश दिया।

उन्होंने शिक्षाविदों के विचार भी जाने। भागवत ने संघ की विचारधारा और कार्यकर्ताओं के दायित्व तथा संघ की स्थापना से लेकर विस्तार तक के बारे में भी चर्चा की।
भागवत ने संवाद में कहा कि संपर्क अभियान में लोगों से मिलकर भारतीय इतिहास, वैभव और वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा कर रहे हैं। शिक्षाविदों के हाथ में देश का भविष्य है जो युवाओं का मार्गदर्शन करते हैं।

ऐसे में युवाओं में राष्ट्र के प्रति प्रेम हो, राष्ट्र सेवा के विचार हों, राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना हो, हमारे संस्कार की समझ हो, इनको लेकर शिक्षाविदों का दायित्व बढ़ जाता है। शिक्षाविदों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों पर भी जोर देना चाहिए। हमें युवाओं के समक्ष हर बात को तार्किक रूप से सिद्ध करना होगा। श्लोक, मंत्र, योग के वैज्ञानिक दृष्टिकोण बताने होंगे। तभी युवाओं के राष्ट्र के प्रति चिंतन को गंभीर कर सकेंगे।

इस अवसर पर डॉ. गोविन्द माहेश्वरी ने कहा कि एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट का ध्येय वाक्य ही ‘‘संस्कार से सफलता‘‘ तक है। हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ संस्कार देना है। यही कारण है कि आज कोटा कोचिंग पूरे देश में विख्यात है। एलन प्रार्थना और प्रतिज्ञा के माध्यम से विद्यार्थियों में दायित्व निर्वहन के लिए भी प्रयासरत रहता है। विद्यार्थियों को डॉक्टर व इंजीनियर के साथ-साथ बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित किया जाता है।

सामाजिक सरोकार की गतिविधियों में शामिल होकर विद्यार्थियों और युवाओं को समाज के लिए काम करने की सीख दी जाती है। समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पढ़ाई के साथ-साथ मानवता की सेवा के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया जाता है। भागवत ने डॉ.गोविन्द माहेश्वरी के प्रयासों को सराहा।