विकल्प नहीं दिया तो ऑटोमेटिक आप न्यू टैक्स रिजीम के दायरे में आ जाएंगे

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7 लाख तक की कमाई टैक्स फ्री, फिर भी ITR फाइल करना है जरूरी

कोटा। न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख तक की कमाई करने वाले अब टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे। परन्तु इसका यह मतलब नहीं कि आप आईटीआर फाइल नहीं करें। आपको टैक्स में छूट मिली है आईटीआर फाइल करने की नहीं। आईटीआर फाइल के वक्त विकल्प नहीं दिया तो ऑटोमेटिक आप न्यू टैक्स रिजीम के दायरे में आ जाएंगे ।

पहले यह छूट 5 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों के लिए थी। हालांकि, इसके बावजूद आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइल करना जरूरी है। इसके कई फायदे हैं। बता दें कि यह अनिवार्य नहीं किया गया है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट मिलिंद विजयवर्गीय ने बताया कि अगर आपकी सालाना इनकम 7 लाख तक है तो न्यू टैक्स रिजीम के साथ आगे बढ़ें और टैक्स फ्री इनकम का आनंद लें। लेकिन आईटीआर फाइल करना न भूलें।

अगर आपकी इनकम 7 लाख रुपये से अधिक है और एचआरए का लाभ उठाते हैं या एलआईसी, स्वास्थ्य बीमा, पीपीएफ जैसी योजनाओं में निवेश करते हैं तो आपके लिए ओल्ड टैक्स स्ट्रक्चर में जाना बेहतर है।

विजयवर्गीय ने बताया कि ओल्ड टैक्स सिस्टम के दायरे में आने के लिए आपको आईटीआर फाइल करते वक्त विकल्प का चयन करना होगा वर्ना आगामी 1 अप्रैल से ऑटोमेटिक आप न्यू टैक्स रिजीम के दायरे में आ जाएंगे।

आईटीआर फाइल करना जरूरी क्यों:

  • विदेश यात्रा से पहले वीजा के लिए अप्लाई करते वक्त ITR मांगा जाता है।
  • लोन, खासतौर पर होम लोन के लिए अप्लाई करते वक्त ITR की डिटेल मांगी जाती है। इससे लोन मिलना आसान हो जाता है।
  • टैक्स रिफंड के लिए ITR फाइल करना जरूरी है।
  • कारोबार शुरू करने या कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भी ITR जरूरी है।
  • यह इनकम प्रूफ के साथ आपके लिए एक जरूरी प्रमाण पत्र भी है।