रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के पूर्व डिप्टी गवर्नर चक्रवर्ती दो मामलों में संदिग्ध

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नई दिल्ली।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर के.सी. चक्रवर्ती को सीबीआई ने दो मामलों में संदिग्ध बताया है। इनमें से एक केस विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस के लोन डिफॉल्ट से जुड़ा है।

चक्रवर्ती के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था, जिसे वापस लेने की उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी दलील में यह बात कही। याचिका की सुनवाई दिल्ली में सीबीआई की स्पेशल अदालत में हुई थी। बता दें कि जिस शख्स के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी होता है, वह देश से बाहर नहीं जा सकता।

चक्रवर्ती के नाम यह सर्कुलर एक अन्य मामले में जारी किया गया था। यह केस दिल्ली की ट्रैवल कंपनी एयरवर्थ ट्रैवल्स ऐंड टूर्स से जुड़ा है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने इस कंपनी के खिलाफ फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराया है।

2009 से 2014 तक रिजर्व बैंक के डिप्युटी गवर्नर रहे चक्रवर्ती ने 15 मई को सीबीआई डायरेक्टर को भेजे लेटर में सभी आरोपों को गलत बताया है। वह 2005 से 2007 तक इंडियन बैंक और 2007 से 2009 के बीच पंजाब नेशनल बैंक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर थे।

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लुकआउट सर्कुलर को लेकर चक्रवर्ती की याचिका खारिज कर दी। स्पेशल जज सविता राव ने कहा, ‘सीबीआई को डर है कि चक्रवर्ती विदेश जाने पर नहीं लौटेंगे। अगर ऐसा हुआ तो इंसाफ नहीं हो पाएगा।’ उन्होंने कहा कि सीबीआई का डर गलत नहीं है।

ब्रिटेन की नागरिकता ले चुके चक्रवर्ती ने इस खबर को लेकर शनिवार को पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। इस मामले में उनकी पैरवी करने वाली लॉ फर्म ने इकनॉमिक टाइम्स को भेजे गए ईमेल में कहा, ‘वीएसपी लीगल्स के शैलेश एन पाठक और विभव मिश्रा आरबीआई के पूर्व डिप्युटी गवर्नर का पक्ष रख रहे हैं।

हम इस मुकदमे के मेरिट पर इसके सिवा कुछ नहीं कहना चाहते कि हमारे मुवक्किल बेगुनाह हैं। निचली अदालत के फैसले की बुनियाद गलत है। हमारा मानना है कि यह अपील में नहीं टिक पाएगा।’ अदालत ने दोनों ही मामलों में चक्रवर्ती की मौजूदगी को जरूरी बताया था।

5 सितंबर के कोर्ट के फैसले में कहा गया है, ‘चक्रवर्ती को गवाही के लिए बुलाया गया था, लेकिन सीबीआई के जांच अधिकारी उन्हें संदिग्ध मानते हैं। चक्रवर्ती से और पूछताछ करनी पड़ सकती है। रिकॉर्ड सही हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए उनकी मौजूदगी जरूरी है।

एयरवर्थ के प्रमोटर टी के बोस और गौरव मेहरा पर आरोपों की सचाई का पता लगाने में भी उनसे मदद मिलेगी।’ इसके अलावा फैसले में कहा गया कि चक्रवर्ती किंगफिशर एयरलाइंस मामले में भी संदिग्ध हैं। दिवालिया कंपनी किंगफिशर के प्रमोटर माल्या ब्रिटेन में प्रत्यर्पण के मुकदमे का सामना कर रहे हैं। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और फंड की हेराफेरी के आरोप हैं।

किंगफिशर 9,000 करोड़ के लोन पर डिफॉल्ट कर चुकी है और माल्या 2016 में देश से फरार हो गए थे। एयरवर्थ ट्रैवल्स, उसके प्रमोटरों और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ इंडियन ओवरसीज बैंक ने केस किया था। इस आधार पर सीबीआई ने सितंबर 2016 में एफआईआर दर्ज की थी।

चक्रवर्ती के मामले में कोर्ट ने फैसले में कहा है, ‘इन मुकदमों में चक्रवर्ती से और पूछताछ करनी पड़ेगी। वह एनआरआई हैं। चक्रवर्ती ने देर से जांच में सहयोग करना शुरू किया। उन्हें इसके लिए कई नोटिस जारी किए गए।

लुकआउट सर्कुलर के मामले में सरकारी पक्ष को डर है कि वह विदेश जाने के बाद नहीं लौटेंगे। अभी उसका यह डर गलत नहीं है।’ चक्रवर्ती को 1 मई को इस नोटिस के चलते मुंबई एयरपोर्ट से लंदन जाने से रोक दिया गया था।