राजस्थान / मरीजों को भामाशाह योजना के तहत इलाज मिलना बंद

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जयपुर। राजस्थान के 4.5 भामाशाह कार्डधारकों का गुरुवार रात 12 बजे से इलाज अटक गया। सरकार ने बुधवार को कहा था कि किसी निजी या सरकारी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज का बीमा क्लेम पूर्ववर्ती व्यवस्था से पास किया जाएगा, लेकिन गुरुवार रात को दावा फेल हो गया।

निजी अस्पतालों ने भामाशाह कार्डधारकों का इलाज करने से मना कर दिया और साफ कहा कि सरकार की ओर से उन्हें कोई आदेश नहीं मिले हैं। ऐसे में वे इलाज नहीं करेंगे। रोज भामाशाह के तहत 6500 से अधिक लोग इलाज कराते हैं लेकिन गुरुवार को 4500 को ही इलाज मिल सका।

हालांकि सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ, लेकिन यहां भी आगे के आदेश नहीं आए हैं। भामाशाह के तहत क्लेम का काम कर रही कंपनी में 250 से अधिक कर्मचारी सिर्फ क्लेम सम्बन्धी काम कर रहे हैं। विभाग गुडगांव की एक कंपनी को टीपीए के जरिए काम देना चाह रहा है।

सवाल यह कि क्या एक ही दिन में टीपीए के जरिए आने वाली नई कंपनी काम कैसे कर पाएगी। क्योंकि अभी एक ही दिन में 6500 से अधिक क्लेम विभिन्न अस्पतालों के आते हैं। वहीं सामने यह भी आया है कि महज तीन महीने के लिए इस कंपनी को काम दिया जाना है, क्योंकि इसके बाद भामाशाह की जगह जना आधार योजना लागू होगी। ऐसे में कंपनी आनकानी कर रही है।

12 को ही बीमा कंपनी का टर्नओवर पूरा,
12 दिसम्बर से भामाशाह कार्ड के इंश्योरेंस करने वाली कंपनी न्यू इंडिया का टर्न ओवर पूरा हो रहा था, लेकिन विभाग और अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अधिकारियों ने कहा कि बीमा अवधि को अगले तीन महीने या नई बीमा कंपनी के चयन तक बढ़ाया है, लेकिन गुरुवार रात तक अधिकारी दोनों में से किसी भी एक का चयन नहीं कर पाए और रात 12 बजे न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के सर्वर पर क्लेम नहीं लिए जाना स्वत: ही बंद हो गया।

पूरे दिन अस्पताल योजना के तहत इलाज देने के लिए परेशान होते रहे लेकिन विभाग की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया। अब अस्पतालों ने अग्रिम आदेश नहीं आने तक शुक्रवार से इलाज के लिए मना किया है।

सरकार से काेई आदेश नहीं मिलेे
हमें ना तो कंपनी और ना ही सरकार स्तर पर कोई मैसेज मिला है। क्लेम का पैसा समय पर नहीं मिलना सहित और कई खामियां हैं, जिनकी वजह से परेशानियां होती हैं। और वैसे भी हमें विभाग की ओर से आगे के इलाज के आदेश नहीं मिले हैं, इसलिए इलाज रोका है। –विजय कपूर, सेक्रेट्री, प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग सोसायटी