बिजाई कम रहने से धनिया में 20 रुपये किलो तक की तेजी संभव

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-मुकेश भाटिया
कोटा।
एमपी, राजस्थान में धनिये की बिजाई शुरू हो गयी है, लेकिन बिजाई वाली मिट्टी में नमी की मात्रा काफी कमज़ोर रहने से चौतरफा बिजाई में औसतन 40 प्रतिशत की कमी का अंदेशा बन गया है। अभी हाल ही में बाजार 7/8 रुपए किलो बढ गये हैं तथा इसी जनवरी से पहले 20 रुपए किलो की और तेजी की संभावना बन गयी है।

धनिये का उत्पादन मुख्य रूप से राजस्थान के कोटा, रामगंज मंडी, झालावाड, भवानीमंडी के साथ-साथ मध्य प्रदेश के कुम्भराज, मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन में 80 प्रतिशत होता है, शेष 20 प्रतिशत देश के अन्य राज्यों में होता है, जो वहां की लोकल पूर्ति में ही खप जाता है।

वहीं राजस्थान, एमपी में अब पुराने माल का स्टॉक माल अधिक नहीं रह गया है। यद्यपि एमपी, राजस्थान में धनिये की बिजाई शुरू हो गयी है, लेकिन खेतों की मिट्टी में नमी का प्रतिशत घटने से बिजाई रेश्यो में 40 फ़ीसदी तक की कमी आने का अंदेशा बन गया है।

पुराने मालों में बडी कम्पनियों के साथ साथ पिसाई वाले भी खरीद कर रहें हैं, जिससे कोटा, रामगंज
मंडी से बिल्टी का व्यापार 68/68.50 रुपए बादामी माल के भाव बोलने लगे हैं। वहां से माल दिल्ली मंगवाने पर 75 रुपए रुपए का सारा खर्च लगाकर पडता आ रहा है। जबकि उन मालों के भाव 70 रुपए चल रहे हैं जिससे बाजार धीरे-धीरे बढने लगा है।

डिब्बे में भी ज्यादा डिलीवरी नहीं होने से नवम्बर-दिसम्बर के सभी वायदे लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
रामगंज-कोटा में नीचे में 52/53 रुपए बादामी माल बिक गया है। दिल्ली वाले अभी भी नये माल आने पर 50-52 लाख बोरी पुराना स्टॉक बचने का अनुमान लगा रहे हैं, जबकि राजस्थान के व्यापारी मुश्किल से 40 लाख बोरी नई फसल पर पुराना स्टॉक बचने की बात कर रहे हैं।

इन परिस्थितियों में बिजाई में आने वाली कमी की आशंका को देखते हुए नई फसल का आंकड़ा इस बार 55 लाख बोरी से अधिक आना मुश्किल लग रहा है। जबकि घरेलू खपत लगभग सवा करोड़ बोरी की है।इन परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव का धनिया आगे के कारोबार में 18/20 रुपए किलो तक का लाभ दे सकता है।