प्रत्येक गांव तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का प्रयास होगा : बिरला

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कोटा। प्रत्येक गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों। वहां के नागरिक बेहतर जीवन जिएं, यह जनप्रतिनिधियों का नैतिक दायित्व है। इसके लिए हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जनता का सक्रिय सहयोग भी आवश्यक है। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को इंदरगढ़ क्षेत्र में प्रबुद्धजन संवाद कार्यक्रम में कही।

बिजासन माता मंदिर के पास स्थित महारानी धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में स्पीकर बिरला ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, परिवहन जैसी सुविधाओं को सरकार की योजनाओं, सीएसआर तथा जनसहयोग के माध्यम से सशक्त किया जा रहा है। लेकिन समाज के अंतिम व्यक्ति का कल्याण करना है तो इसमें राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अहम भूमिका निभानी होगी।

उन्होंने राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं का आव्हान किया कि वे संवदेनशीलता के साथ जनप्रतिनिधि और जनता के बीच मजबूत कड़ी बनें। लोगों के अभाव और समस्याओं के साथ उनकी आशाओं और अपेक्षाओं को जनप्रतिनिधि तक पहुंचाएं। हमारा प्रयास रहेगा कि जो भी जानकारी उनके माध्यम से हम तक पहुंचे, उसके सुखद परिणाम सामने आएं।

कल्याण की अनेक योजनाएं, जागरूकता लाएं
स्पीकर बिरला ने कहा कि जनता के कल्याण के लिए आज देश में अनेक योजनाएं चल रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना समेत अनेक ऐसी योजनाएं जिनसे लोगों का जीवन बेहतर बना है। आवश्यकता है कि ऐसी योजनाओं के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाए ताकि प्रत्येक जरूरतमंद को उनका लाभ मिल सके।

पांच सौ महिलाएं होंगी सुपोषित
स्पीकर बिरला ने बताया कि केशवरायपाटन क्षेत्र में अगले माह से सुपोषित मां अभियान प्रारंभ होगा। इसमें पांच सौ महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें पोषण किट उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसका लक्ष्य उनकी सेहत सुधारना है। इसी तरह पशुपालकों के लिए क्रेडिट कार्ड के लिए पंजीयन शिविर लगेंगे। इन शिविरों के माध्यम से उन्हें बिना गारंटी 1.60 लाख रूपए तक का ऋण मिल सकेगा।

क्षेत्र से पुराने जुड़ाव को किया याद
कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने लाखेरी-इंदरगढ़ क्षेत्र से अपने पुराने और गहरे जुड़ाव को भी याद किया। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन से लाखेरी क्षेत्र से मेरा विशेष लगाव रहा है। गत चुनाव के प्रचार के दौरान यहां पहुंचते-पहुंचते काफी देर हो गई। लेकिन देर रात भी लोगों ने जिस अपनेपन से स्वागत किया, वह आज भी याद है।