नागरिकता संशोधन बिल मानवता का रक्षकः भरतराम

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कोटा। राष्ट्र चेतना अभियान समिति कोटा महानगर की ओर से रविवार को गीता भवन नई सब्जीमंडी पर नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में नागरिक सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के पूर्व चैयरमेन तथा विधि विशेषज्ञ भरतराम कुम्हार मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। शिक्षाविद् बृजमोहन शर्मा भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि भारत मानवता के लिए कृतसंकल्प है। मानवता के लिए भारत हमेशा से शुभ संकल्प और कर्तव्यों के साथ खड़ा रहा है। नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी की भी नागरिकता छीनने के लिए नहीं अपितु पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए पारित किया गया है। जिन्हें पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश में केवल धर्म के आधार पर सताया गया। अमानवीय यातना के कारण उन्होंने भारत में शरण ली। उत्पीड़न के शिकार हिंदू ,सिख, बौद्ध, ईसाई, तथा पारसी, मतावलंबियों का विश्व में अन्य कोई सहारा नहीं था।

उन्होंने विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों का उदाहरण देकर यह तथ्यात्मक जानकारी दी कि इस अधिनियम से किसी भी व्यक्ति के किसी भी संवैधानिक अधिकार का अथवा भारत के समता भाव का उल्लंघन नहीं हुआ है। यह भ्रम है कि अधिनियम किसी धर्म विशेष के विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित के लिए समर्पित सरकार के इस कार्य को विरोधी षड्यंत्रपूर्वक गलत दिशा में ले जा रहे हैं। देश में अपने निजी स्वार्थों के लिए हिंसा और अराजकता का वातावरण पैदा करना चाहते हैं। हम सभी को सत्य और तथ्यों को आम जनता के सामने रखना होगा।

उन्होंने कहा कि जनता को समझाना होगा कि यह हमारा कर्तव्य है। वाशिंगटन टाइम्स जैसे अखबार ने इस कदम को भारत का मानवता की रक्षा तथा आत्मा को जगाने वाला कदम कहा है। गोष्ठी में 1000 से अधिक हो प्रबुद्धजन उपस्थित थे। सभी ने हाथ उठाकर यह संकल्प व्यक्त किया कि भारत सरकार के इस राष्ट्रीय कर्तव्य में हम सब सरकार के साथ हैं। संगोष्ठी का समापन वंदेमातरम् गीत से हुआ।