नए श्रम कानून के मसौदे को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा, जानिए क्या होंगे बदलाव

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नई दिल्ली। जल्द ही श्रम कानून के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा और उसमें आप देखेंगे कि सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के जरिये वेतन की जानकारी को हटा दिया गया है। सरकार ने सोशल मीडिया पर वेतन की जानकारी नहीं देने का फैसला किया है। पहले नए श्रम कानून में वेतन की जानकारी जानकारी ई-मेल और एसएमएस के साथ वाट्सअप पर भी देने का प्रावधान किया गया था लेकिन अब इस फैसले को बदला जाएगा। श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने यह जानकारी है।

दरअसल, नए श्रम कानून में सरकार ने सोशल मीडिया के जरिये भी वेतन की जानकारी देने की बात कही थी। हालांकि, इस प्रस्ताव पर अलोचना भी हुई थी और चिंता व्यक्त की गई थी कि इससे गोपनीयता में सेंध लगाना आसान होगा। इसके साथ यह भी कहा गया था कि सरकार इस कदम के जरिये औपचारिक संचार में ऐसे प्लेटफार्मों को संस्थागत और वैध बनाना चाहती है। श्रम सचिव अपूर्वा चंद्रा ने कहा कि इस विसंगति को सुधारा जाएगा और सरकार सोशल मीडिया और व्हाट्सएप को वेज कम्युनिकेशन ड्राफ्ट नोटिफिकेशन से हटा देगी। उन्होंने कहा कि हम इस क्लॉज में बदलाव करेंगे। हम कर्मचारियों की गोपनीयता का सम्मान करते हैं।

नए श्रम कानून में कर्मचारियों का वेतन सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के जरिये देने पर अर्थशास्त्री और साइबर एक्सपर्ट ने सवाल खड़े किए थे। उनका मानना था कि वेतन की जानकारी देने में सोशल मीडिया का उपयोग करने से न केवल कर्मचारी-नियोक्ता के बीच गोपनीयता से समझौता होगा, बल्कि वित्तीय रूपरेखा, बैंक विवरणों की निगरानी और डेटा चोरी होने का खतरा और बढ़ जाएगा।

श्रम मंत्रालय अप्रैल से चारों नई संहिताओं को लागू करने की तैयारी में है। इनमें वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं (ओएसएच) पर संहिता, तथा सामाजिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए कुल 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को चार वृहद संहिताओं में समाहित किया है।

नौकरियों के अवसर बढ़ाने की उम्मीद
विशेषज्ञों का कहना है कि नए नियम आने के बाद से नौकरी करने और करवाने के तौर तरीके बदल जाएंगे। कंपनियां काम के लिए चार दिन का हफ्ता तय कर पाएंगी तो आपके घर आने वाले मेड और ड्राइवर तक के लिए अब पीएफ अकाउंट होगा। इससे कर्मचारियों को राहत मिलने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ने की उम्मीद है। पांच घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं करेंगे कर्मचारी,

काम के घंटे और रिटायरमेंट के नियम
1 अप्रैल 2021 से आपकी ग्रेच्युटी, पीएफ और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (पीएफ) मद में बढ़ोतरी होगी। वहीं, हाथ में आने वाला पैसा (टेक होम सैलरी) घटेगा। यहां तक कि कंपिनयों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी। इसकी वजह है पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल)। इन विधेयकों के इस साल 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है।

वेज (मजदूरी) की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे। इसका मतलब है कि मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए। गौरतलब है कि देश के 73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।