80 करोड़ गरीबों को 3 महीने तक 10 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो दाल फ्री

1075

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। इस दौरान आम लोगों और खासकर गरीबों को परेशानी न हो, इसके लिए सरकार ने बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को तीन दिन में दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले कामगारों और गरीबों के लिए एक पैकेज तैयार है। यह पैकेज 1.70 लाख करोड़ रुपए का है।

हमारी कोशिश रहेगी कि गांवों और शहरों में रहने वाला कोई भी गरीब भूखा न सोए। इसके तहत गरीबों को हर महीने 10 किलो का मुफ्त अनाज दिया जाएगा। किसानों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी। महिलाओं, बुजुर्गों और कर्मचारियों के लिए भी ऐलान किए गए हैं।

सरकार की प्रमुख घोषणाएं

गरीबों को मुफ्त अनाज
राहत : अभी तक हर गरीब को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल मिल रहा था। अगले तीन महीने के लिए हर गरीब को अब 5 किलो का अतिरिक्त गेहूं और चावल मिलेगा। यानी कुल 10 किलो का गेहूं या चावल उसे मिल सकेगा। इसी के साथ 1 किलो दाल भी मिलेगी।
कितनों को फायदा : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत इस राहत का फायदा 80 करोड़ गरीब लोगों को मिलेगा। 80 करोड़ लोग यानी देश की दो तिहाई आबादी।

हेल्थ वर्कर्स को मेडिकल इंश्योरेंस कवर
राहत : कोरोनावायरस से निपटने में देश के हेल्थ वर्कर्स की अहम भूमिका को समझते हुए सरकार ने उन्हें अगले तीन महीने के लिए 50 लाख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस कवर देने का फैसला किया है।
कितनों को फायदा : देशभर में 22 लाख हेल्थ वर्कर्स हैं। 12 लाख डॉक्टर्स हैं।

किसानों, महिलाओं के खातों में सीधा पैसा
किसान : डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के तहत 8.69 करोड़ रुपए की मदद दी जाएगी। किसानों को इसकी पहली किश्त अप्रैल के पहले हफ्ते में जारी रहेगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इसका फायदा 8.69 करोड़ किसानों काे मिलेगा।
महिलाएं : महिला जनधन खाताधारकों को अगले तीन महीने तक 500 रुपए हर महीने दिए जाएंगे। इसका फायदा 20 करोड़ महिलाओं को मिलेगा।
बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवाएं : अगले तीन महीने के लिए दो किश्तों में 1000 रुपए की मदद दी जाएगी। तीन करोड़ लोगों को इसका फायदा होगा।
मनरेगा : मजदूरी 182 से बढ़ाकर 202 रुपए की गई।

ईपीएफ में पूरा योगदान सरकार देगी, 75% फंड निकाल सकेंगे
राहत : सरकार 3 महीने तक इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों का पूरा योगदान खुद देगी। यानी ईपीएफ में पूरा 24% योगदान सरकार देगी। पीएफ फंड रेग्युलेशन में संशोधन किया जाएगा। जमा रकम का 75% या 3 महीने के वेतन में से जो भी कम होगा, उसे निकाल सकेंगे।
कौन दायरे में : 100 से कम कर्मचारियों वाले संस्थानों और 15 हजार से कम तनख्वाह पाने वाले कर्मचारियों को।
कितनों को फायदा : देशभर के 80 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 4 लाख से ज्यादा संस्थानों को।

महिलाओं को मुफ्त सिलेंडर
राहत : जिन गरीब महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन मिले हैं, उन्हें अगले 3 महीने तक मुफ्त गैस सिलेंडर मिलेंगे।
कितनों को फायदा : गरीबी रेखा से नीचे जीने वाले 8.3 करोड़ परिवारों को, जिनके घर की महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिले हैं।

महिला सहायता समूहों को ज्यादा कर्ज
राहत : स्वयं सहायता महिला समूहों से जुड़े परिवारों को पहले बैंक से 10 लाख का कॉलेटरल फ्री कर्ज मिलता था, अब 20 लाख रुपए का कर्ज मिलेगा।
कितनों को फायदा : 7 करोड़ परिवार।

कंस्ट्रक्शन सेक्टर
निर्माण क्षेत्र से जुड़े 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर, जो लॉकडाउन की वजह से आर्थिक दिक्कतें झेल रहे हैं, उन्हें मदद दी जाएगी। इनके लिए 31000 करोड़ रु. का फंड है।

24 मार्च को भी सीतारमण ने कई घोषणाएं की थी
इससे पहले मंगलवार को सीतारमण ने मंत्रालय के अफसरों के साथ मौजूदा हालात पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा था कि अगले तीन महीने तक किसी भी एटीएम से पैसे निकालने पर कोई चार्ज नहीं देना होगा। बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस रखने की शर्त को भी खत्म कर दिया गया है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और पैन-आधार लिंक करने की तारीख भी 30 जून तक बढ़ा दी गई है।