केंद्र सरकार लगाएगी कई कोर्स में स्कॉलरशिप पर ताला

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लखनऊ। अब कई विषयों की स्कॉलरशिप बंद हो जाएगी। केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की जॉइंट सेक्रेटरी की प्रदेश के अधिकारियों के साथ सोमवार को हुई बैठक के बाद इस बात के आसार बढ़ गए हैं कि कई प्रफेशनल स्टडीज के उच्च शिक्षा के विषय इस सूची से बाहर किए जाएं।

वहीं, तमाम कोर्सों में सभी को स्कॉलरशिप देने की जगह, केवल अच्छे अंक पाने वाले विद्यार्थियों को ही स्कॉलरशिप देने पर भी विचार किया जा सकता है। अब तक प्रदेश सरकार 674 विषयों में स्कॉलरशिप देती है, लेकिन अब नर्सिंग जैसे तमाम कोर्स इस सूची से हटाए जा सकते हैं।

सोमवार को समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में स्कॉलरशिप के तमाम आंकड़ों का परीक्षण किया गया। इसमें पाया गया कि स्कॉलरशिप के लिए विषयों की संख्या तो 674 है, लेकिन इनमें पांच या छह विषय में ही सबसे ज्यादा स्कॉलरशिप दी जाती है। इन 674 विषयों में ज्यादातर विषय ऐसे हैं, जो प्रफेशनल डिग्री के लिए होते हैं।

ऐसे में यह सहमति बनी कि पहले तो उन कोर्सों में स्कॉलरशिप पूरी तरह बंद कर दी जाए, जिनमें आवेदन सबसे कम होते हैं। ऐसे कोर्सों की संख्या 100 से ज्यादा बताई जा रही है। वहीं, 150 से ज्यादा ऐसे कोर्स में भी लाभार्थियों की संख्या सीमित करने के लिए कहा गया है, जिसके बाद नौकरी मिलने की संभावना ज्यादा होती है। सूत्र बताते हैं कि इन विषयों में स्कॉलरशिप के लिए अंक निर्धारित होंगे। बेहतर अंक पाने पर ही स्कॉलरशिप दी जाएगी।

समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव मनोज सिंह ने कहा, ‘काफी आंकड़े हमने निकाले हैं। नीचे के कोर्सों में कटौती न करने के लिए कहा गया है, लेकिन हायर स्टडीज के कोर्सों पर फिर विचार किया जाएगा। स्कॉलरशिप देने का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों की मदद करना है। उसी भावना से आकलन होगा।’

एक कोर्स की अलग-अलग फीस पर आपत्ति
केंद्र ने यह भी आपत्ति जाहिर की है कि एक कोर्स के लिए अलग-अलग शैक्षिक संस्थानों में अलग-अलग फीस ली जाती है। वहीं, फीस प्रतिपूर्ति में भी अलग-अलग रकम दी जाती है। इस पर केंद्र ने सवाल उठाते हुए फीस तय करने की बात कही है। ऐसे में माना जा रहा है कि या तो फीस एकसमान करने के लिए कोई व्यवस्था की जाएगी या फीस प्रतिपूर्ति की एकसमान रकम निर्धारित की जा सकती है।