ईपीएफओ का पीएफ कटौती और पेंशन सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव

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नई दिल्ली। ईपीएफओ केन्द्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) सदस्यों ने श्रम मंत्रालय को देश के 4.5 करोड़ पीएफ सदस्यों के लिए अंशदान कटौती और पेंशन सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। सीबीटी सदस्यों ने कर्मचारियों के हित का हवाला देते हुए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सदस्यों ने श्रम मंत्रालय से अगली बोर्ड बैठक के एजेंडे में इसे शामिल करने की मांग की है।

बोर्ड सदस्यों ने प्रस्ताव में साफ किया है कि मंत्रालय की ईएसआईसी स्कीम में कर्मचारियों के कवरेज की सीलिंग 21 हजार वेतन कर दी गई है। इसी तरह पीएफ सदस्यों की भी अंशदान कटौती की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की जानी चाहिए। अभी 15 हजार पर 12 फीसद के हिसाब से अधिकतम 1800 रुपया महीने पीएफ अंशदान की कटौती होती है। इतना ही हिस्सा नियोक्ता भी जमा करता है, लेकिन समय को देखते हुए यह धनराशि कम है। इसलिए कटौती सीमा 25 हजार की जानी चाहिए। 25 हजार वेतन या बेसिक पर कटौती की जाए। इसी धनराशि पर नियोक्ता भी अपना अंशदान जमा करे।

अंशदान बढ़ने से कर्मचारियों का पीएफ खाता मजबूत होगा
ईपीएफओ सीबीटी सदस्य हरभजन सिंह ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि सदस्यों ने प्रस्ताव मंत्रालय के साथ ही केन्द्रीय श्रम मंत्री को भी दे दिया है। अंशदान बढ़ने से कर्मचारियों का पीएफ खाता मजबूत होगा और ईपीएफओ कोष में भी भारी राशि जमा होगी। रिटायरमेन्ट के बाद कर्मचारी को भी पीएफ कटौती से आगे का जीवन काटने की सम्मानजनक राशि मिल जाएगी।

अभी एक हजार रुपए है न्यूनतम पेंशन
हरभजन सिंह ने कहा कि न्यूनतम पेंशन अभी एक हजार रुपए है। मौजूदा समय और परिस्थितियों के हिसाब से नाकाफी है। सदस्यों ने इसे बढ़ाकर 7.5 हजार करने का प्रस्ताव दिया है। पेंशन बढ़ाने के लिए ईपीएफओ निष्क्रिय खातों में पड़ी धनराशि का इस्तेमाल कर सकता है। अनक्लेम धनराशि को कभी भी साफ नहीं किया गया है। वर्ष 2014 में अनक्लेम धनराशि 40 हजार करोड़ थी और पिछले वित्तीय वर्ष में 27 हजार करोड़ बताई गई। यह मुद्दे भी बोर्ड बैठक में उठेंगे।