आर्थिक विकास बढ़ाने के लिए रेपो रेट में हो सकती है और भी कटौती

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नई दिल्ली। आरबीआई ने मौद्रिक समिति की बैठक में लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती करके यह संकेत दिए हैं कि अब बैंक की प्राथमिकता आर्थिक विकास बढ़ाने पर है। यही वजह है कि बैंक ने रेपो रेट में 0.25 बेसिस प्वाइंट नहीं, बल्कि 0.35 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। केंद्रीय बैंक आने वाले समय में रेपो रेट में और कटौती कर सकता है। चार बार में आरबीआई ने रेपो रेट 1.10 फीसदी कम किया है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को भरोसा है कि इकोनॉमी जल्द ही फिर से ऊपर की ओर चढ़ेगी। उन्होंने बताया कि इकोनॉमी को मजबूत बनाने के आरबीआई ने कई कदम उठाए हैं। इसमें रेपो रेट कम करना, रिस्क वेटेज कर करना और कंज्यूमर्स को राहत देने जैसे कदम शामिल हैं। आरबीआई ने इस बात का भी इंतजाम किया है कि एनबीएफसी को ज्यादा लोन मिले और छोटे उद्योगों को प्राथमिकता के आधार पर लोन दिया जाए।

सस्ते कर्ज से तेज होगी अर्थव्यवस्था
शक्तिकांत दास ने मौद्रिक समिति की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि बैंक को उम्मीद है कि लोन सस्ता होने से इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी आएगी। साथ ही सरकार की तरफ से भी इकोनॉमी को दुरुस्त बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में इकोनॉमी के जल्द ही रफ्तार पकड़ लेने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के जोर पकड़ने की उम्मीद है।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती करने के बाद भी लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है क्योंकि बैंक अपने इंटरेस्ट रेट में कटौती नहीं करते हैं। हालांकि उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि बैंक अब ऐसा नहीं करेंगे और रेपो रेट में कटौती का फायदा ग्राहकों को मिलेगा।